नई दिल्ली। नवल प्रयास (शिमला) एवं भारतीय साहित्यिक विकास मंच (दिल्ली) के संयुक्त तत्वावधान में दिनांक 5 अगस्त रविवार को नई दिल्ली, हिंदी भवन में “काव्य संध्या” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत आदरणीय गीतकार फ़ैज़ बदायुनी ने सरस्वती वंदना से की तथा दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का आगाज किया गया। इसके बाद ममता लड़ीवाल ने गीत ऋषि “गोपालदास नीरज’ के जीवन, उनकी काव्य यात्रा पर प्रकाश डाला। सभागार में उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए एक मिनट का मौन रखा गया ।
काव्य संध्या में 70 से अधिक कवियों ने..
कार्यक्रम में लगभग 70 से अधिक कवियों ने कार्यक्रम में शिरकत की तथा गीत ग़ज़ल छंद की जोरदार महफ़िल जमी। जाने माने वरिष्ठ ग़ज़लकार सर्वेश चन्दौस्वी समारोह अध्यक्ष रहे, वरिष्ठ कवि लक्ष्मी शंकर बाजपेई मुख्य अतिथि रहे एवं वरिष्ठ साहित्यकार नानक चन्द एवं ममता किरण विशिष्ठ अतिथि की भूमिका में नज़र आये । वरिष्ठ ग़ज़लकार दीक्षित दनकौरी एवं मंगल नसीम ने भी काव्य संध्या में शिरकत कर चार चाँद लगा दिए। कार्यक्रम का शानदार संचालन जनाब सलीम सुहानवी एवं मोहतरमा ममता लड़ीवाल ने अपने लाजबाब अंदाज़ में किया।
आयोजन समिति में नवल प्रयास के अध्यक्ष डॉ विनोद प्रकाश गुप्ता भी शिमला से मौजूद रहे एवं भारतीय साहित्यिक विकास मंच की आयोजन समिति में विजय स्वर्णकार, भुपेन्द्र सिंह शून्य, माधुरी स्वर्णकार, ममता लड़ीवाल, गुरचरन मेहता रजत, फ़ैज़ बदायुनी, जगदीश मीणा, संजय कुमार गिरि सभी मौजूद रहे ।
कार्यक्रम में..
दिल्ली से उर्मिला माधव,जयपुर से गोप कुमार मिश्र, मीना सूद, अजमेर से राजीव नसीब, बाराबंकी से ज़की तारिक, कानपुर से सुमित दिलकश, इलाहबाद से अशोक श्रीवास्तव, झारखंड से दीप्ति गुप्ता, बिहार से विमलेंदु सागर, ब्यावर से वीणा शर्मा सागर, गाज़ियाबाद से अनिमेष शर्मा, दिल्ली के बाहर से कमलेश भारतीय, सुमित राज वशिष्ट, नीतू सिंह, डॉ गुंजन अग्रवाल, विनोद रोहतकी ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।
अन्य साहित्यिक/काव्य लोगों में सूफी गुलफाम, चारु अग्रवाल, अनिल मीत, भुपिंदर कौर, कल्पना शर्मा, उदय प्रताप, सिकन्दर देहरवी, दीपक भारतवासी, जगदीश भारद्वाज, सलीम सुहानवी, सुरेन्द्र सत्यम, भूपेंद्र राघव, अनहद गुंजन अग्रवाल, रेणुजा शर्मा, कुलदीप गर्ग, इमरान धामपुरी, पंकजोम प्रेम, सुरेन्द्र इंसान, सुमित अग्रवाल, संजय शर्मा सरस, सुन्दर सिंह, दिलदार देहलवी, मंजुल निगम, चेतना कपूर, प्रमोद शर्मा असर, मनीष मधुकर, गौरव त्रिवेदी, जुनैद सकलानी, सुरेन्द्र इंसान, डॉ एम डी शाहिद, पंकजोम प्रेम, राजेश मयंक, चेतन आनन्द, डॉ भावना शर्मा, ताराचंद, डॉ शशिकांत आदि कवियों ने गीत ग़ज़ल छंद से महफिल की रौनक बढ़ाई।
काव्य संध्या में हिंदी के प्रति जागरूकता देखने को
नवल प्रयास एवं भारतीय साहित्यिक विकास मंच की यह बहुत ही खूबसूरत पहल रही जिसमें देश के जाने माने कवियों के साथ नवोदितों को भी मंच साझा करने का मौका मिला। इस काव्य संध्या में हिंदी के प्रति जागरूकता देखने को मिली, गंगा-जमुनी तहजीब के कहने ही क्या, कलम के धनी सभी कवियों ने अपने अपने विचार गीत ग़ज़ल छंद के माध्यम से व्यक्त किये और खूब समां बाँधा ।
कार्यक्रम के अंत में नवल प्रयास के अध्यक्ष डॉ विनोद प्रकाश गुप्ता एवं भारतीय साहित्यिक विकास मंच के संरक्षक विजय स्वर्णकार ने सभी सहभागियों का धन्यवाद ज्ञापन किया।