• विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज और रांची के प्रतिष्ठित सेंट जेवियर्स कॉलेज के बीच हुआ एमओयू
लखनऊ। डॉ एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय अब नैनो तकनीकी में बायोलॉजिकल साइंस को बढ़ावा देगा। साथ ही इसमें शोध भी करायेगा। इसके लिए बुधवार को सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज और रांची के प्रतिष्ठित सेंट जेवियर्स कॉलेज के बीच एमओयू का आदान-प्रदान हुआ।
कुलपति के निर्देशन में कैश के निदेशक प्रो वीरेंद्र पाठक और सेंट जेवियर्स कॉलेज की डॉ प्रिया श्रीवास्तव ने आशय पत्र पर प्रतिकुलपति प्रो मनीष गौड़ की मौजूदगी में हस्ताक्षर किये।
एमओयू के तहत दोनों संस्थानों के बीच फैकल्टी एक्सचेंज, स्टूडेंट एक्सचेंज के साथ ही शोध को बढ़ावा दिया जाएगा। इस मौके पर प्रति कुलपति प्रो मनीष गौड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय के सेंटर फॉर एडवांस स्टडीज में पहले से ही नैनो तकनीकी की पढ़ाई हो रही है। यहां के छात्रों ने नैनो तकनीकी का प्रयोग कर लार्वा के जरिए सुगर की जांच करने में सफलता प्राप्त की है।
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इसके अलावा भी कई शोध नैनो तकनीकी के जरिये हुए हैं और आगे हो भी रहे हैं। इस क्रम में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के प्ररिप्रेक्ष्य में एमओयू कर नैनो तकनीकी में बॉयोलॉजिकल साइंस को बढ़ावा देने की दिशा में कदम बढ़ाया जा रहा है। दोनों संस्थान बायोलॉजिकल साइंस में नैनो तकनीकी के जरिये शोध के विभिन्न आयाम पर आगे कार्य करेंगे। इस दौरान शोध से जुड़ी अन्य सुविधाएं भी साझा की जाएंगी। इस मौके पर डॉ अनुज कुमार शर्मा, गौरव राय, दिव्यांशु चौहान, डॉ सौरभ मिश्रा, रावेश कुमार सिंह, एबी उल्लास, अनुराग चौबे सहित अन्य लोग मौजूद रहे।