भारत की चीन पर डिजिटल स्ट्राइक के बाद अब अमेरिका ने भी चीन पर बड़ी कार्रवाई करते हुए चीनी कंपनियों हुआवे और जेडटीई को राष्ट्रीय खतरा बताते हुए इन दोनों कंपनियों के उपकरण हटाने के आदेश दिए हैं। अमेरिका द्वारा चीन के हांगकांग को लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लाए जाने की घोषणा के बाद अब अमेरिकी मूल अत्याधुनिक रक्षा उपकरणों और तकनीक के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है।
यूएस फेडरल कम्युनिकेशन कमीशन (एफसीसी) ने मंगलवार को 5-0 से मतदान कर चीन की प्रौद्योगिकी कंपनी हुआवे और जेडटीई को राष्ट्रीय खतरा बताया है। इतना ही नहीं ट्रंप सरकार ने अमेरिकी कंपनियों को उपकरण खरीदने के लिए मिलने वाले 8.3 अरब डॉलर के फंड को भी रोक दिया है। एफसीसी ने एक बयान में कहा है कि दूरसंचार कंपनियों को अपने बुनियादी सुविधा ढांचे से इन दोनों चीनी कंपनियों के उपकरणों को हटाना होगा। बयान में कहा गया है कि अमेरिका, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी को अमेरिकी सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं करने देगा।
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने मंगलवार को ट्वीट कर कहा कि अमेरिका हांगकांग को रक्षा उपकरण और इस्तेमाल में आने वाली सभी तकनीकी के निर्यात पर बैन लगाने जा रहा है। उन्होंने लिखा कि यदि पेइचिंग हांगकांग को एक देश एक समझता है तो हमें भी निश्चित रूप से ये समझना होगा। अमेरिका ने चीन को 60 दिन का नोटिस दिया है, जिसका साफ मतलब है कि अब चीन की कंपनियों की मनमानी नहीं चलेगी।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका ने 20 चीनी कंपनियों की पहचान कर उसकी लिस्ट तैयार की है, जिनका कंट्रोल बीजिंग में सैन्य शासन के पास है। चीन की कंपनियों पर अमेरिका से तकनीक लाने का आरोप है। इन कंपनियों पर अमेरिका की नजर है, सम्भावना है कि सूची में दर्ज कंपनियों पर अमेरिका में प्रतिबंध भी लगाया जाए।
चारो तरफ से घिर रहे चीन के लिए अमेरिका का आर्थिक और समरिक चक्रव्यूह तैयार हो चुका है और ये चीन के लिए मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। गौरतलब है कि भारत ने रविवार रात टिकटॉक समेत 59 चीनी ऐप को प्रतिबंधित कर दिया। भारत ने यह कदम गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों के चीनी सैनिकों के साथ 15-16 जून की रात को हुए संघर्ष के बाद उठाया, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। भारत के चीनी ऐप पर रोक के बाद चीन ने इसे बेहद चिंताजनक बताया है।