नई दिल्ली। माँ हंसवाहिनी साहित्यिक मंच द्वारा “एक शाम शहीदों के नाम” काव्य संध्या का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ शायर भूपेन्द्र सिंह शून्य एवं यशपाल कपूर ने किया। इस अवसर पर अन्य विशिष्ट अतिथियों में वरिष्ठ साहित्यकार रामकिशोर उपाध्याय, वरिष्ठ कवि गाफिल स्वामी ,आकाशवाणी से साहित्यकार कवि रामअवतार बैरवा, साहित्यकार एवं कवयित्री दमयन्ती शर्मा मौजूद रही।
काव्य संध्या की शुरुआत में अतिथियों द्वारा माँ शारदे की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कवयित्री शोभना सचान द्वारा माँ वीणा वाहिनी की वंदना अर्चना से प्रारम्भ हुई।
साहित्यकारों का अभिनंदन अंगवस्त्र और पुष्प माला पहनाकर
मंच अध्यक्ष जगदीश मीणा, उपाध्यक्ष, ममता लड़ीवाल, महासचिव डा. मनोज कामदेव, सचिव निर्देश शर्मा पाबला, मीडिया प्रभारी संजय कुमार गिरि ,डॉ. विनीता श्री एवं भूपेन्द्र कौर ने कार्यक्रम के अध्यक्ष कवि भूपेन्द्र सिंह शून्य एवं यशपाल कपूर और देहरादून से पधारे मुख्य अतिथि वरिष्ठ कवि सतीश बंसल समेत अन्य साहित्यकारों का अभिनंदन अंगवस्त्र और पुष्प माला पहनाकर किया गया।
माँ हंसवाहिनी साहित्यिक मंच द्वारा युवा उत्कर्ष साहित्यिक मंच के अध्यक्ष रामकिशोर उपाध्याय,कोषाध्यक्ष सुरेश पाल वर्मा ,महासचिव ओमप्रकाश शुक्ल, दिल्ली प्रभारी अकेला इलाहाबादी, पर्पल पेन की अध्यक्ष सुश्री वसुधा कनुप्रिया ,नवांकुर साहित्य सभा के महासचिव कालीशंकर सौम्य ,भारतीय साहित्यिक विकास मंच के अध्यक्ष गुरचरण मेहता रजत ,नारायणी साहित्य सेवा के अध्यक्ष डॉ. चन्द्र मणि ब्रहमदत्त,उर्दू इन्कलाब के वरिष्ठ पत्रकार अंजुम ज़ाफरी और एक्शन इंडिया के पत्रकार तीरथराज यादव का अभिनंदन सम्मान अंगवस्त्र और पुष्प माला पहनाकर किया l
पूरा सदन भारत माता की जय घोष से
इस अवसर पर मुख्य अतिथि सतीश बंसल एवं वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अशोक मैत्रिय का सुन्दर पेन्सिल स्केच चित्रकार संजय गिरि ने श्री मैत्रिय जी की सुपुत्री कमला सिंह जीनत को भेंट किया। तदुपरांत मुख्यत: देशभक्ति एवं अन्य समसामयिक विषयों पर कविता और ग़ज़ल की रसधार बही,जिसमें लगभग 70 कवियों ने बेहतरीन काव्यपाठ किया। काव्यपाठ के दौरान सभी रचनाकारों उपस्थित श्रोताओं की भरपूर तालियां बटोरीं। देशभक्ति के गीत,ग़ज़ल और कविताओं से उत्साह एवं जोश से पूरा सदन भारत माता की जय घोष से गूंजता रहा l मंच का संचालन ममता लड़ीवाल ने किया। कर्यक्रम के अंत में मंच सचिव निर्देश पाबला ने सभी मेहमान एवं कवियों का आभार प्रकट किया।
प्रस्तुति – संजय कुमार गिरि