छपरा। बिहार में 10 अक्टूबर 1974 को जन्में लाल बिहारी लाल साहित्य, पत्रकारिता एवं समाजसेवा के अजब मिसाल हैं। आज जहां कुछ लोग समाज सेवा का चोला ओढ़ कर दुनिया की नजरोंमें धूल झोंकने मे लगे हैं वहीं कुछ व्यक्ति ऐसे भी हैं जो निस्वार्थ भाव से देश और समाज की सेवा में लगे हैं। जिनका एक मात्र उद्देश्य समाज हित है। समाज के लिए कुछ करने का इनका जुनून इस हद तक बढ़ जाता है कि वह अपनी जीवका का साधन जुटाने के बजाय समाज और देश हित के प्रति सम
र्पित हो जाते हैं।ऐसे ही समाज सेवी,कवि और लेखक लाल विहारी लाल जिन्होंने अपनी सादगी और समाज के प्रति सेवाभाव के अजब मिसाल कायम की है।लाल बिहारी लाल समय समय पर सामाजिक कार्यक्रमों के माध्यम से लोगों को जागरूक करते रहते हैं। श्री लाल समाज सेवा के अलावा पर्यावरण संरक्षण के लिए भी विभिन्न कार्यक्रम और काव्य संगोष्ठी आयोजित करपर्यावरण संरक्षण के प्रति समाज मे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभा रहे है। वन बचाओ पेड़ लगाओ जल ही जीवन है के तहत इनका मानना है कि जल है तो कल है एवं स्वच्छ रहो स्वास्थ्य रहो आदि स्लोगन से लोगों को जागरूक करते रहते है।विभन्न पत्र- पत्रकाओं में लेखों के माध्यम से भी स्वच्छता,पर्यावरण,जल ही जीवन हैतथा बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ,नदियों की सफाई तथा जल संरक्षण आदि की झलक इनकी लेखन में देखने को मिलती है। लाल जी ने बदरपुर क्षेत्र मे विकास कार्यों को लेकर भी काफी संघर्ष किया है चाहे वह यातायात की समस्या हो या सड़कों पर गड्ढों की या बारिश के दिनों मे जल भराव की समस्या हो निरंतर अपनी लेखनी के माध्यम से या प्रत्यक्ष रूप से अधिकारियों से मिलकर लोगों की समस्यों को दूर करने मे दिन रात लगे रहते हैं।लाल बिहारी लाल जी की रचनाएं(क्रांति कविता) आज भी नालंदा विश्विद्यालय के एम.ए. के अलावा बिहार विश्व विद्यालय के बी.ए. में पढ़ाई जा रही हैं।
43वर्षीय लाल विहारी लाल जी स्वयं तो पिछले कई वर्षों से समाज कार्य में जुटे ही हैं साथ ही उनकी पत्नी एवं बच्चें भी इनके सामाजिक कार्यों में पूर्ण सहयोग कर रहे हैं। बदरपुर क्षेत्र में लोगों को अपने दैनिक जरूरतों को पूरा करने के लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था जैसे राशन कार्ड आधार कार्ड या अन्य सरकारी कामों के लिए या तो लोगों को कार्यालय जाना पड़ता था या फिर स्थानीय नेताओं से मदद की गुहार लगानी पड़ती थी । इससे छुटकारा दिलाने के लिए उन्होंने बदरपुर
दिग्दर्शिका तैयार की है। इस दिग्दर्शिका में क्षेत्र से संबंधित अधिकतर कार्यालय व अधिकारियों के टेलीफोन नंबर व उनकी ई मेल आईडी भी उपलब्ध कराई है, जिससे लोगोंको कार्यालय के अनावश्यक चक्कर ना लगाने पड़ेंऔर घर बैठे ही समस्या का समाधान हो सके।लाल बिहारी लाल जी द्वारा संचालित संस्था लाल कला मंच पूर्वांचल वासियों के लिए छठ पर्व पर लोक संगीत और भजन आधारित विशेष कार्यक्रम भी आयोजित करती है।
इसके अलावा प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं को प्रोत्साहित करने के लिए समय-समय पर सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आयोजित करके उनका मार्ग दर्शन भी करते रहते हैं।वूमेन एक्सप्रेस की ओर से लाल बिहारी लाल जी को जन्म दिन की हार्दिक शुभकामनायें इस आशा के साथ कि वह इसी तरह समाज एवं साहित्य की अनवरत सेवा करते रहेगे।
रिपोर्ट: नीरज पाण्डेय