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वेतन समझौता नहीं होने से नाराज भिलाई स्टील प्लांट में कर्मियों ने बंद किया काम, उत्पादन ठप

एक जनवरी 2017 से लंबित वेतन समझौत से नाराज भिलाई इस्पात संयंत्र के कर्मचारियों ने कामकाज ठप कर दिया है. शुक्रवार की रात से भिलाई इस्पात संयंत्र के यूनिवर्सल रेल मिल में युवा कर्मचारियों ने काम बंद कर दिया. शनिवार की सुबह जो भी कर्मचारी अन्य विभागों में पहुंचे, उनके द्वारा भी हड़ताल शुरू कर दी गई है. इस तरह से अब तक संयंत्र के आधा दर्जन विभागों में कामकाज पूरी तरह से ठप हो गया है. उत्पादन नहीं किया जा रहा है.

नेशनल ज्वाइंट कमेटी फार स्टील-एनजेसीएस की बैठक में शुक्रवार को भी वेतन समझौता नहीं होने पर आक्रोशित भिलाई इस्पात संयंत्र के युवा कर्मचारियों ने रात से यूआरएम एवं बीआरएम में विरोध स्वरूप काम बंद कर दिया था. शनिवार सुबह वायर राड मिल, मर्चेंट मिल, पावर एंड ब्लोइंग स्टेशन 2, रेल मिल एवं कोक ओवन बैटरी नंबर 11 में काम बंद कर दिया गया है.

आंदोलित कर्मचारी वेतन समझौते, कोरोना महामारी से ग्रसित कर्मियों का उचित उपचार नहीं होने सहित रोस्टर प्रणाली नहीं अपनाने के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. दूसरी ओर अधिशासी निदेशक कार्मिक प्रशासन एसके दुबे के द्वारा समाधान के लिए सभी यूनियन के पदाधिकारियों से चर्चा की जा रही है. जारी आंदोलन के कारण संयंत्र प्रबंधन को भारी नुकसान होने की बात कही जा रही है.

कर्मचारियों का यह भी आरोप

आंदोलित कर्मचारियों ने कहा कि कोरोना के कारण भारी संख्या में संयंत्र के भीतर कार्यरत कर्मचारी बीमार हो रहे हैं. कर्मचारियों के बीमार होने के बाद उनका समुचित इलाज सेक्टर -9 अस्पताल में नहीं किया जा रहा है,जिसके कारण लगातार कर्मचारियों की मौत हो रही है. इस स्थिति में प्रबंधन से रोस्टर प्रणाली लागू करने एवं उत्पादन कम करने की मांग की जाती रही है, परंतु प्रबंधन के द्वारा रोस्टर प्रणाली एवं उत्पादन कम करने की दिशा में कोई भी कदम नहीं उठाया गया है.

कोरोना से पीडि़त बीएसपी कर्मियों का इलाज भी सेक्टर 9 अस्पताल में ठीक ढंग से नहीं किया जा रहा है. जिसके कारण प्रतिदिन कर्मियों की मौत हो रही हैै. प्रबंधन को शीघ्र ही कोरोना पीडि़त कर्मचारियों को बचाने की दिशा में उचित इलाज किया जाना चाहिए. साथ ही रोस्टर प्रणाली लागू करके कार्यस्थल पर कर्मचारियों को संक्रमित होने से बचाया जाना चाहिए.

सभी यूनियन से चर्चा

युवा कर्मचारियों को मनाने के लिए संयंत्र प्रबंधन के द्वारा अपने स्तर पर प्रयास शुरू कर दिए गए हैं. इसके लिए अधिशासी निदेशक कार्मिक एवं प्रशासन एसके दुबे प्रत्येक यूनियन के प्रतिनिधियों को बुलाकर के चर्चा कर रहे है,ताकि इस आंदोलन को समाप्त किया जा सके और बंद पड़ी सभी मिल्स को शुरू किया जा सके.

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