महाराष्ट्र। समाजसेवी अन्ना हजारे ने आज सातवें दिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस एवं दो केंद्रीय मंत्रियों के साथ हुई मैराथन बैठक के बाद अपना अनशन खत्म कर लिया। ज्ञात हो,अन्ना हजारे लोकपाल एवं लोकायुक्तों की नियुक्ति के मुद्दे को लेकर बीती 30 जनवरी से अनशन पर थे।
सरकार ने उनकी मांगें स्वीकार कर ली : देवेंद्र फडणवीस
अनशन समाप्त करते हुए अन्ना हजारे ने कहा,फडणवीस एवं अन्य मंत्रियों से संतोषजनक बातचीत के बाद मैंने यह फैसला किया है। दोपहर में रालेगण सिद्धी पहुंचे मुख्यमंत्री फडणवीस ने जानेमाने समाजसेवी से काफी देर तक बात करने के बाद कहा कि सरकार ने उनकी मांगें स्वीकार कर ली है।
स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को अमल करने
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि लोकपाल की नियुक्ति की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। केंद्रीय मंत्री राधा मोहन सिंह और सुभाष भामरे एवं महाराष्ट्र के मंत्री गिराश महाजन भी वार्ता के दौरान मौजूद रहे। अन्ना हजारे ने केंद्र में लोकपाल एवं उन राज्यों में लोकायुक्तों की नियुक्ति की मांग को लेकर अपना अनशन शुरू किया था। जिन राज्यों में भ्रष्टाचार के खिलाफ निगरानी करने वाली ऐसी वैधानिक संस्था का अब तक गठन नहीं हुआ है। वो चुनाव सुधार एवं कृषि संकट के समाधान के तौर-तरीके सुझा चुके स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को अमल करने की भी मांग करते रहे हैं।
सरकारी कर्मियों के प्रवेश पर पाबन्दी
अन्ना हजारे के अनशन को समर्थन देते हुए स्थानीय लोगों ने मंगलवार को गांव में सरकारी कर्मियों के प्रवेश पर पाबन्दी लगा दी थी। समाजसेवी ने सोमवार को दावा किया था कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने सत्ता पर काबिज होने के बाद लोकपाल के गठन की उनकी मांग से मुंह फेर लिया। उन्होंने मौजूदा भाजपा सरकार पर लोगों को धोखा देने का आरोप लगाया था।