लखनऊ। पीरियड्स यानी माहवारी एक ऐसा विषय है जिसके संबंध में आज भी हमारे समाज में खुलकर बात नहीं की जाती है। आज भी पीरियड्स के संबंध में लोगों का ज्ञान आधा-अधूरा ही है। ये बात अपोलो मेडिक्स (Apollo Medics) सुपर स्पेशियलिटी हास्पिटल के संस्थापक डॉ. सुशील गट्टानी ने सिटी मोन्टेसरी स्कूल की गोमतीनगर एक्सटेंशन शाखा में स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम के दौरान की कही।
लड़कियां मेडिकल स्टोर पर सैनेटरी नैपकिन मांगने में संकोच
अपोलो मेडिक्स और पन्थलासा एनजीओ की सीईओ व संस्थापक मृणालिनी मित्रा ने स्कूल में सैनेटरी नैपकिन वैंडिग मशीन की स्थापना की। अपोलो मेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के सह-संस्थापक डॉ. सुशील गट्टानी ने कहा कि लड़कियां आज भी मेडिकल स्टोर पर सैनेटरी नैपकिन मांगने में संकोच करती है।
“मासिक धर्म चक्र” एक प्राकृतिक प्रक्रिया
मृणालिनी मित्रा ने कहा कि मशीन को स्कूल में स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में लोगों को जागरूक करना और सामान्य रूप से समुदाय को संवेदनशील बनाना है। उन्होंने कहा कि “मासिक धर्म चक्र” एक प्राकृतिक प्रक्रिया है और इसे एक निषेध के रूप में नहीं माना जाना चाहिए। डा0 सुशील गट्टानी ने कहा कि सैनिटरी नैपकिन वेंडिंग मशीनों को स्थापित होने से यहां की छात्रायें आपात स्थिति में सैनिटरी नैपकिन संकाय प्रभारी से पूछकर इसका प्रयोग कर सकेंगी।
संक्रमण को रोकना और स्वच्छता को बढ़ावा देना
अपोलो-मेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. नीलम विनय ने कहा कि आज लड़कियों को मासिक-धर्म की जानकारी स्कूल के टीचरों से,डॉक्टरों से, किताबों-पत्रिकाओं से यहां तक कि इस पर बनी छोटी-छोटी फिल्मों से मिल जाती है। वास्तव में कुछ छात्राओं को अनियमित पीरियड्स की शिकायत होती है,ऐसी आपात स्थिति में इस वेंडिंग मशीन के होने से काफी लाभ मिलेगा। यह समय की आवश्यकता है और छात्राओं के बीच स्वच्छ व्यवहार इससे सुनिश्चित होगा। इसके माध्यम से हम स्कूल में महिलाओं और लड़कियों के बीच सुरक्षित और स्वच्छता संबंधी स्वच्छता प्रथाओं को बढ़ावा देने और मासिक धर्म के दौरान अनुपस्थिति को कम करने के साथ-साथ संक्रमण को रोकना और स्वच्छता को बढ़ावा देना है।