लोकसभा चुनावों से पहले एक बार फिर ईवीएम हैक करने का मामला गर्मा गया है। सोमवार को लंदन में अमेरिकी साइबर एक्सपर्ट सैयद शुजा ने दावा किया कि 2014 के चुनावों में धांधली की गई थी। अमेरिका में राजनीतिक शरण चाहने वाले एक भारतीय साइबर विशेषज्ञ ने सैयद शुजा ने सोमवार को दावा किया कि ईवीएम को हैक किया जा सकता है।
टेलीकॉम क्षेत्र की कंपनी ने कम फ्रीक्वेंसी के सिग्नल पाने में
सैयद शुजा ने एक और सनसनीखेज खुलासा करते हुए कहा कि 2014 में बीजेपी के वरिष्ठ नेता गोपीनाथ मुंडे (Gopinath Munde)की हत्या हुई थी,क्योंकि वह ईवीएम हैकिंग के बारे में जानते थे। हालांकि इस बारे में उसने कोई सबूत पेश नहीं किया। उसने दावा किया कि टेलीकॉम क्षेत्र की बड़ी कंपनी ने कम फ्रीक्वेंसी के सिग्नल पाने में भाजपा की मदद की थी,ताकि ईवीएम मशीनों को हैक किया जा सके।
शुजा ने 2009 से 2014 तक ईसीआईएल में काम
शुजा के मुताबिक भाजपा राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्यप्रदेश में चुनाव जीत जाती अगर उनकी टीम इन तीनों राज्यों में ट्रांसमिशन हैक करने की भाजपा की कोशिश में दखल नहीं दिया होता। स्काईप के जरिये लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए शुजा ने दावा किया कि उन्होंने 2009 से 2014 तक ईसीआईएल में काम किया था। उन्होंने दावा किया कि 2014 के आम चुनाव में धांधली हुई।
ईसीआईएल की टीम का हिस्सा
उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और दिल्ली चुनाव दौरान भी नतीजों में धांधली हुई। उन्होंने दावा किया कि वह सार्वजनिक क्षेत्र की इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) की टीम का हिस्सा थे। जिसने ईवीएम मशीन का डिजाइन तैयार किया था। वह भारतीय पत्रकार संघ (यूरोप) की ओर से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में शामिल हुए थे। हालांकि वह स्काईप के जरिये पर्दे पर ही नजर आये और उनके चेहरे पर नकाब था।
ईवीएम के जरिये हुई धांधली
अमेरिका में राजनीतिक शरण चाहने वाले एक भारतीय साइबर विशेषज्ञ सैयद शुजा ने सोमवार को दावा किया कि भारत में 2014 के आम चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) के जरिये ‘धांधली’ हुई थी। दूसरी तरफ भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने इस महीने की शुरुआत में ही कहा था कि ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती और इसके कार्यप्रणाली पर उच्च प्रशिक्षित योग्य तकनीकी समिति नजर रख रही है।