बैंकाक में बना ब्रह्मा मंदिर पूरी दुनिया में चर्चित है। ईरावन तीर्थ के नाम से जाने वाले इस मंदिर का निर्माण 1956 में हुआ था। इसके निर्माण के पीछे की कहानी बहुत रोचक है। कहा जाता है कि इसका निर्माण बुरी शक्तियों को रोकने के लिए हुआ था। आइए जानें इसकी कहानी.
मंदिर बनवाने का फैसला किया:
मान्यता है कि जिस स्थान पर यह मंदिर बना उस स्थान पर पहले 1950 में एक ईरावन नाम का होटल बनाने का काम शुरू किया गया था। इस दौरान बड़ी अजीब घटनाएं होने लगी। किसी न किसी तरह से होटल का निर्माण कार्य हर दिन रुक जाता था। निर्माण के दौरान कई मजदूरों की मौत भी हो गई। इस जगह पर बुरी शक्तियों का वास होने वाली बात लोगों के मन में घर कर गई और होटल का निर्माण कार्य बंद हो गया। इस जगह पर लोग जाने को भी तैयार नहीं थे। जिसके बाद होटल का निर्माण कराने वाले लोगों ने इस पूरे मामले में ज्योतिष ताओ महाप्रोम से विचार-विमर्श किया। इसके बाद यहां पर सबसे पहले ब्रह्मा जी का मंदिर बनवाने का फैसला किया।
चार मुंह वाली सोने की मूर्ति:
ऐसे में जब यहां पर ब्रह्मा जी का मंदिर बन गया। मंदिर के अंदर ब्रह्मा की एक चार मुंह वाली सोने की मूर्ति है। जो देखने में बहुत खूबसूरत है। उसके बाद ईरावन होटल का निर्माण कार्य दोबारा शुरू हुआ। इस बार होटल आराम से बन गया। मंदिर निर्माण में किसी तरह की कोई भी बाधा नही आई।सबसे खास बात तो यह है कि यहां पर ब्रह्मा जी को ताओ महाप्रोम के नाम से भी जाना जाता है। इसके पीछे का कारण है कि ताओ महाप्रोम ने ही यहां भगवान ब्रह्मा की स्थापना करने की सलाह दी थी। ईरावन होटल से महज कुछ दूरी पर बने इस मंदिर में आज भी लोग अपनी परेशानियों और बुरी शक्तियों से बचने के लिए दर्शन व पूजन हेतु आते हैं।