राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधानसभा चुनाव से पहले 19 नए जिले और 3 संभाग बनाने का ऐलान किया तो शायद उन्होंने सोचा नहीं होगा कि उनके करीबी ही सवाल उठा देंगे। राजधानी जयपुर को दो हिस्सों में बांटने के फैसले पर गहलोत के करीबी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने ऐतराज जता दिया है।
खाद्य मंत्री ने खुलकर इसका विरोध करते हुए कहा है कि उन्हें यह पसंद नहीं आया है। उन्होंने कहा कि जयपुर को जयपुर उत्तर और जयपुर दक्षिण में बांटना जनता को भी रास नहीं आ रहा है।
खाचरियावास का एक वीडियो सामने आया है जिसमें वह कह रहे हैं कि जयपुर को बंटने नहीं दिया जाएगा। सरकार के फैसले पर खुलकर ऐतराज जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, ‘जयपुर तो जयपुर ही रहेगा।
मैं जयपुर का बेटा हूं। जयपुर का जनप्रतिनिधि हूं। जयपुर से मंत्री हूं। जयपुर के सारे विधायक चाहते हैं कि जयपुर, जयपुर ही रहे।’ उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री ने घोषणा की तो उन्होंने यह थोड़ी ना कहा कि किसमें क्या होगा, अब बनना है सारा स्वरूप। सब ठीक कर देंगे। जयपुर उत्तर और जयपुर दक्षिण, यह मुझे भी पसंद नहीं आ रहा है। जयपुर एक रहे और अधिकारी अलग-अलग बैठें। ऐसा कुछ करेंगे।
जयपुर को दो हिस्सों में बांटने के खिलाफ कैंपने की अगुआई भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी कर रहे हैं, जिन्होंने अलग-अलग समूहों के साथ बैठक की है। उन्होंने कहा, ‘जयपुर का का गठन राजा सवाई मान सिंह ने करीब 300 साल पहले किया था और इसे एक ही रहना चाहिए। इसमें किसी तरह का बदलाव यहां के लोगों, संस्थापकों और लोगों के विश्वास का अपमान होगा।
ऐतिहासिक इमारत जैसे गोविंद देव मंदिर, डोंगरी मंदिर, शाही मस्जिद और गुरुद्वारा जयपुर में हैं और इसे उत्तर-दक्षिण में नहीं बांटना चाहिए।’ उन्होंने यह भी साफ किया कि वह जयपुर के निवासी के तौर पर इस मुहिम की अगुआई कर रहे हैं।
खाचरियावास ने एक अखबार से बातचीत में कहा, ‘जयपुर को उत्तर और दक्षिण में नहीं बांटा जाएगा। शहर की अपनी अलग पहचान और दुनियभर में अतिथि सत्कार, इमारतों और जगहों को लेकर मशहूर है। मैं मानता हूं कि घोषणा हुई लेकिन अभी कोई नोटिफिकेशन नहीं निकला है। जब तक जनता, हितधारकों और चुने हुए जनप्रतिनिधियों से बातचीत नहीं होती, तब तक कोई बदलाव नहीं होगा।’
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की ओर से घोषणा किए जाने के बाद से ही जयपुर में विरोध शुरू हो गया है। नागरिक समूहों ने जयपुर को एक रखने की मांग करते हुए हस्ताक्षर अभियान शुरू कर दिया है। कांग्रेस के नेता और पूर्व नौकरशाह भी सरकार से फैसला बदलने की मांग कर रहे हैं।