प्रयागराज के धूमनगंज थाने के लॉकअप में शुक्रवार को अशरफ अपने भाई अतीक की हालत देखकर भावुक हो गया। असद के एनकाउंटर में मारे जाने पर अतीक के रोने पर वह लिपट गया।
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पुलिसवालों पर नाराजगी जताई। पूछताछ में अशरफ का गुस्सा भी नजर आया। भतीजे के एनकाउंटर पर वह अपने गुस्से पर नियंत्रण कर रहा था। पुलिसकर्मियों की मानें तो लॉकअप में अशरफ अपने भाई अशरफ की मदद कर रहा था। उसके लेटने पर उसका पैर भी दबा रहा था। दर्द साझा कर रहा था।
असद के जनाजे में शामिल होने के लिए उसके पिता अतीक अहमद ने जिला अदालत में अर्जी दी है। इस अर्जी पर शनिवार 15 अप्रैल को सुनवाई होगी। असद का शव लेने के लिए परिजन एवं अधिवक्ता झांसी गए हुए हैं। शव देर रात तक प्रयागराज आने की संभावना है। अधिवक्ताओं की एक टीम ने बताया कि शुक्रवार को अवकाश था।
पांच लाख के इनामी असद के एनकाउंटर में मारे जाने की खबर अतीक से पहले अशरफ को मिली थी। उसी ने अतीक कान में बताया था। अशरफ अपनी भावनाओं को नहीं रोक पाया।
गुरुवार को कोर्ट रूम से निकलते ही उसकी आंखें भर आई। पुलिस जब उसे कस्टडी में लेकर थाने पहुंची तो वह रास्ते भर रोता गया। अशरफ ने पुलिस की जांच में ज्यादा सहयोग नहीं किया। पूछने पर वह सीधे जवाब नहीं दे रहा था। शुक्रवार दोपहर में पुलिस ने मेस में बना खाना ही दोनों को दिया। सुरक्षा के मद्देनजर लॉकअप रूम में किसी भी व्यक्ति के प्रवेश पर रोक लगा दिया गया है।