गोरखपुर, (दया शंकर चौधरी)। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास द्वारा एशिया की पहली ग्लोबल हाइपरलूप प्रतियोगिता 2025 का सफल आयोजन किया गया। इस प्रतियोगिता के समापन समारोह में रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। इस अवसर पर आईआईटी मद्रास के निदेशक वी. कामकोटी (V. Kamakoti) रेल भवन में उपस्थित रहे। सभी का स्वागत करते हुए उन्होंने प्रतियोगिता के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
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रेल मंत्री ने सभी प्रतिभागियों एवं इंडियन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है कि देश को इनोवेशन की दिशा में आगे बढ़ाना है। इसी कारण आज हम शिक्षा संस्थानों के साथ मिलकर कार्य कर पा रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वह सम्मानित की गई टीम आविष्कार का हिस्सा रहे हैं।
इस प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली टीमों को बेस्ट डेमोंस्ट्रेशन टीम अवॉर्ड, डेमोंस्ट्रेशन ऑफ ब्रेकिंग और ट्रैक्शन सिस्टम, तथा बेस्ट इन सब-सिस्टम (मैकेनिकल) जैसे प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। यह न केवल उनकी मेहनत और नवाचार को प्रमाणित करता है, बल्कि भारत के युवा वैज्ञानिकों और इंजीनियरों की विश्व स्तरीय क्षमताओं को भी दर्शाता है। उनकी यह उपलब्धि देश को भविष्य की परिवहन क्रांति की ओर तेज़ी से ले जाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि आईआईटी मद्रास द्वारा हासिल की गई 5G तकनीकी में सफलता स्थापित के साथ और भारत दुनिया में सबसे तेज़ 5G रोलआउट कर रहा है।
इसी क्रम में, भारतीय रेल और आईआईटी मद्रास मिलकर वर्टिकल टेक-ऑफ लैंडिंग व्हीकल पर कार्य करेंगे, जिसे भारतीय रेल द्वारा फंड किया जाएगा। यह यात्रा के साधनों में आधुनिक और इनोवेटिव बदलावों को बढ़ावा देने में बेहद अहम कदम साबित होगा।
कार्यक्रम के दौरान रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष एवं सीईओ सतीश कुमार समेत कई गणमान्य मौजूद रहे। भारत की पहली हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक 422 मीटर लंबी है, जो आईआईटी मद्रास, चेन्नई में स्थित है। यह भारतीय रेल और शिक्षा क्षेत्र के बीच मजबूत साझेदारी को दर्शाता है, जिससे भारत वैश्विक स्तर पर रेलवे इनोवेशन और अत्याधुनिक यात्रा तकनीकों को बढ़ावा देने की दिशा में आगे बढ़ रहा है।