अटलांटा,(शाश्वत तिवारी)। अमेरिका के अटलांटा में स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास ने काशी तमिल संगमम के तीसरे संस्करण की मेजबानी की, जिसमें तमिलनाडु और वाराणसी के बीच गहरे सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक संबंधों का जश्न मनाया गया।
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धूमधाम से मनाए गए इस कार्यक्रम में प्रवासी भारतीयों ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में दोनों क्षेत्रों के बीच सदियों पुराने संबंधों को शिक्षा के केंद्र के रूप में प्रदर्शित किया गया, जिसमें उनकी साझा विरासत और स्थायी प्रभाव पर जोर दिया गया।
इस दौरान भारतीय महावाणिज्य राजदूत रमेश लक्ष्मणन ने सभा को संबोधित करते हुए इस बात पर जोर दिया कि काशी तमिल संगमम जैसी पहल प्रधानमंत्री के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के दृष्टिकोण के साथ कैसे संरेखित होती है। उन्होंने कहा कि महाद्वीपों के पार भी, भारत के सांस्कृतिक बंधन मजबूत हैं और प्रेरणा देते रहते हैं।
कार्यक्रम का एक प्रमुख हिस्सा भारतीय चिकित्सा की सिद्ध प्रणाली में ऋषि अगस्त्यर के योगदान पर केंद्रित था। इसके अलावा इस मौके पर अल्फारेटा तमिल स्कूल के एक शिक्षक और छात्र ने पारंपरिक चिकित्सा, आध्यात्मिकता और तमिल साहित्य पर उनके प्रभाव के बारे में जानकारी साझा की।
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कार्यक्रम में डॉ श्रीधरन और मोरहाउस स्कूल ऑफ मेडिसिन के छात्रों के एक समूह द्वारा एक प्रस्तुति भी दी गई, जो सिद्ध चिकित्सा का अध्ययन करने के लिए एक वैकल्पिक कार्यक्रम के तहत भारत भी आए थे। उन्होंने समकालीन स्वास्थ्य सेवा में इस प्राचीन चिकित्सा प्रणाली की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालते हुए अपने समृद्ध अनुभव साझा किए।
अटलांटा में तमिल प्रवासियों ने एक ऐसे कार्यक्रम के आयोजन में वाणिज्य दूतावास के प्रयासों की गहराई से सराहना की, जिसने न केवल सांस्कृतिक विरासत का जश्न मनाया, बल्कि पारंपरिक ज्ञान प्रणालियों और उनके वैश्विक महत्व पर सार्थक चर्चाओं के लिए एक मंच भी प्रदान किया।