लखनऊ। वर्ल्ड बैंक के ग्लोबल एजुकेशन डायरेक्टर जैमे सावेद्रा ने सलाह दी है कि कोविड महामारी को देखते हुए स्कूलों को बंद रखने का अब कोई औचित्य नहीं है। सावेद्रा की इस सलाह के आधार पर एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स उत्तर प्रदेश ने प्रदेश के मुख्य सचिव को शुक्रवार को पत्र भेजकर माँग रखी है कि बच्चों के हित में जल्द से जल्द स्कूल खोले जाएँ।
सार्वजनिक स्थानों पर बिल्कुल नहीं किया जा रहा कोविड प्रोटोकॉल का पालन
मैखुआ सचिव को लिखे गए पत्र के बारे में और जानकारी देते हुए एसोएिसशन के अध्यक्ष अतुल कुमार ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण स्कूलों को तो बंद कर दिया गया। वहीं, मार्केट, सब्जी मण्डी, दुकानों, बस, रेल, पार्क आदि को खुला रखा गया। यहाँ पर जो भीड़ हाल के समाचार पत्रों में प्रकाशित की गयी, उससे साफ दिखता है कि इन सार्वजनिक स्थानों पर कोविड प्रोटोकॉल का बिल्कुल ही पालन नहीं किया जा रहा है। जबकि, सभी स्कूलों को बंद कर दिया गया, जहाँ कि कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया जा रहा है।
कोविड-19 के प्रभाव पर सावेद्रा की टीम की नज़र- अतुल कुमार
अतुल कुमार ने कहा कि अभी बीच में जब स्कूल खोले गये थे, उस समय ना केवल बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से चल रही थी, बल्कि पूरे उत्तर प्रदेश में एक भी बच्चे को कोरोना होने की खबर नहीं आई थी। ऐसे में स्कूलों को बंद किया जाना बच्चों के साथ न्यायपूर्ण नहीं है। अतुल कुमार ने यह भी कहा कि वर्ल्ड बैंक के ग्लोबल एजुकेशन डायरेक्टर जैमे सावेद्रा ने कहा है कि सावेद्रा ने यह भी कहा कि उनकी टीम एजुकेशन सेक्टर पर कोविड-19 के प्रभाव पर नजर रख रही है।
स्कूल खोलने से केसेज में बढ़ोत्तरी के सबूत नहीं- सावेद्रा
अतुल के अनुसार, इसका कोई सबूत नहीं है कि स्कूल खोलने से केसेज में बढ़ोत्तरी हुई है। उनके अनुसार कोरोना संक्रमण का स्कूलों को खोलने या बंद करने से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसे में रेस्टोरेन्ट, बार और शॉपिग मॉल, सब्जी मण्डी और दुकानों आदि को खुला रखने और स्कूलों को बंद रखने का कोई मतलब नहीं है। अतः सरकार को प्रदेश के सभी स्कूलों को खोलने का आदेश देकर बच्चों के साथ न्याय करना चाहिए।
Report – Anshul Gaurav