लखनऊ। एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल्स उत्तर प्रदेश ने बाल विशेषज्ञों एवं अभिभावकों के सुझाव पर उत्तर प्रदेश में पिछले काफी समय से बंद पड़े स्कूलों को 7 फरवरी से खोलने की मांग की है। इस संबंध में एसोसिएशन की ओर से आज पुनः एक पत्र प्रदेश के मुख्यमंत्री को भेजा गया। एसोसिएशन के अध्यक्ष अतुल कुमार से मिली जानकारी के अनुसार, नई दिल्ली के लेडी हार्डिग मेडिकल काॅलेज के बाल रोग विशेषज्ञ डा. प्रवीन कुमार ने यूनिसेफ और एक हिन्दी अख़बार की फाउंडेशन की ओर से ‘ओमिक्राॅन-कोरोना और हमारे बच्चे’ विषय पर आयोजित वेबिनार में कहा कि ‘‘माता-पिता एक तरफ बच्चों को स्कूल भेजने से डर रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ घर में बंद बच्चों की घटती सक्रियता भी उनकी चिंता बढ़ा रही है। इस परिस्थति में यदि फैसला लेना हो तो बच्चों को स्कूल भेजना ही सर्वोत्तम विकल्प है।
डा. प्रवीण की अभिभावकों से कहा- डरें नहीं बच्चों को स्कूल भेजें!!
डा. प्रवीण ने यह भी कहा बच्चों को स्कूल भेजें, डरें नहीं। यहाँ उल्लेखनीय है कि इस वेबिनार में कई अभिभावक न केवल शामिल हुए बल्कि उनकी भी राय थी कि बच्चों के हित में सरकार को अति शीघ्र स्कूलों को खोल देना चाहिए। अतुल कुमार ने कहा कि इस वेबिनार में बच्चों की सुरक्षा के संबंध में पूछ गये एक सवाल का जवाब देते हुए डाॅ. प्रवीन ने कहा कि भारत में तीसरी लहर की पीक की बात की जाए तो जिस दर से संख्या गिर रही है, उससे तो लगता है कि पीक आकर चली गई है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि बच्चों के सामाजिक विकास के लिए स्कूल बहुत जरूरी है।
70 फीसदी ज़्यादा बच्चे ऑनलाइन शिक्षा में नहीं ले रहे रुची- अतुल कुमार
स्कूल बंद होने का प्रभाव बच्चों के विकास पर पड़ रहा है। अतुल कुमार ने यह भी बताया कि प्री स्कूल एसोसिएशन ने भी कहा है कि प्री-प्राइमरी के 70 फीसदी से ज्यादा बच्चे ऑनलाइन शिक्षा में रूचि नहीं ले रहे हैं। इस एसोसिएशन के अनुसार स्कूल से दूर रहने की वजह से बच्चे चिड़चिड़े और जिद्दी हो चुके हैं। व्यावहारिक ज्ञान जैसे, उठना, बैठना, लंच करना आदि नहीं सीख पा रहे हैं। ऑनलाइन कक्षाओं से बच्चों में संवाद व संबंध स्थापित नहीं हो पा रहा है। इससे उनमें मानसिक समेत व्यवहारिक समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। ऐसे में सरकार को 7 फरवरी से प्रदेश के सभी स्कूलों को खोलने का आदेश देकर बच्चों के साथ न्याय करना चाहिए।
REPORT – ANSHUL GAURAV