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भारत में आदि काल से महिलाओं की स्थिति सम्मानजक रही है। महिला विदुषियों ने वेदों में ऋचाओं लिखी। त्रेता युग में महाराज दशरथ के साथ रानी कैकेई युद्ध स्थल पर गई थी। इससे स्पष्ट है कि महिलाओं की शिक्षा प्रशिक्षण आदि की सुदृढ़ व्यवस्था रही होगी। मध्यकाल में विदेशी आक्रांताओं के कारण महिलाओं की स्थिति पर प्रभाव पड़ा।
इसके बाद भी भारत की अनेक वीरांगनाओं ने दुश्मनों से से मोर्चा लिया। इसमें रानी लक्ष्मीबाई और अवंतीबाई लोधी का नाम आदर के साथ लिया जाता है। वह भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम की महान सेनानी थी। शहीद वीरांगना अवंतीबाई के बलिदान दिवस पर योगी आदित्यनाथ ने उनकी माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की।
अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई और अवंतीबाई लोधी ने विदेशी हुकूमत की दासता स्वीकार करने से इनकार कर दिया था। देश की स्वाभिमान के लिए वे अंतिम दम तक लड़ती रहीं। उनका बलिदान भारत की एकता और अखंडता को बनाए रखने के लिए हम सभी को एक नई प्ररेणा देता है। इन महान वीरांगनाओं से प्ररित होकर यूपी सरकार ने प्रदेश में मातृशक्ति की सुरक्षा,सम्मान के लिए मिशन शक्ति का कार्यक्रम शुरू किया है। 1857 की क्रांति में रामगढ़ की रानी अवंतीबाई रेवांचल में मुक्ति आंदोलन की महान योद्धा थी।
1817 से 1851 तक रामगढ़ राज्य के शासक लक्ष्मण सिंह थे। उनके निधन के बाद विक्रमाजीत सिंह ने राजगद्दी संभाली थी।उनका विवाह बाल्यावस्था में ही मनकेहणी के जमींदार राव जुझार सिंह की कन्या अवंतीबाई से हुआ था। विक्रमाजीत सिंह बचपन से ही वीतरागी प्रवृत्ति के थे। अत: राज्य संचालन का काम उनकी पत्नी रानी अवंतीबाई ही करती रहीं। उनके दो पुत्र अमान सिंह और शेर सिंह थे। अंग्रेजों को देश से खदेड़ने के लिए रानी अवंतीबाई ने क्रांति की शुरुआत की। उनके विरुद्ध ऐतिहासिक निर्णायक युद्ध किया।
महिला पीएसी बटालियन
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आज से पीएसी में अवंतीबाई के नाम से महिला बटालियन की हो रही शुरुआत हो रही है।
प्रदेश के 1535 स्थानों में 350 तहसीलों में महिला सुरक्षा डेस्क स्थापित की गई है। प्रदेश सरकार ने तीन रानी अवंतीबाई लोधी, उदय देवी और झलकारीबाई महान वीरांगनाओं के नाम पर तीन महिला बटालियन बनेगी।