आज कल एक पोस्ट बहुत ज्यादा वायरल हो रहा जहाँ एक व्यक्ति का पैर कटने के बाद उसी के amputated leg को सर के पास तकिया बनाकर रख दिया गया है। मामला गरम होने के बाद हॉस्पिटल के डॉक्टर व नर्स को निलंबित कर दिया गया।
क्या है amputated leg का मामला
मामला उतर प्रदेश के झाँसी का है जहाँ ये विचित्र मामला सामने आया है। यहां मरीज के सर के पास उसके कटे पैर को रखा गया था वो भी तकिये की तरह। सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद मामला काफी ज्यादा गरम हो गया।
- सूत्रों के मुताबिक घनश्याम राजपूत जी की लहचूरा के ग्राम इटायल का निवासी है ,स्कूल बस में क्लीनर के रूप में काम करता है।
- 2 दिन पहले एक बस दुर्घटना में बस अनियंत्रित होकर पलट गयी।
- दुर्घटना के बाद बच्चे तो सुरक्षित बच गए लेकिन बस के नीचे दबने से घनश्याम के पैरों में बहुत ज्यादा चोट आ गयी जिसके बाद उसे प्राथमिक उपचार के लिए ले जाया गया।
- स्थिति गंभीर होता देख क्लीनर को मेडिकल कॉलेज भेज दिया गया।
- यहाँ पर ऑपरेशन के बाद क्लीनर का पैर काट दिया गया।
इस मामले में जहां परिजन अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगा रहे हैं वहीं अस्पताल कर्मचारी परिजनों को इसके लिए जिम्मेदार मान रहे हैं।
इस मामले को चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं।
डॉक्टर और नर्स निकले गए
सोशल मीडिया पर मामले के चर्चा में आने के बाद चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन ने गंभीरता दिखाते हुए मेडिकल कॉलेज में कंसल्टेंट ऑन कॉल डॉ.प्रवीन सरावली को चार्जशीट जारी करने का आदेश दिया।
- मामले की जांच के लिए एक जांच समिति का गठन किया गया।
- वहीँ इमरजेंसी मेडिकल ऑफीसर डॉ.एमपी सिंह, सीनियर रेजीडेंट डॉ.आलोक अग्रवाल, सिस्टर इंचार्ज दीपा नारंग व नर्स शशि श्रीवास्तव निलंबित कर दिए गए हैं।
तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल
- पैर को तकिये की तरह देख मरीज़ के घर वाले हंगामा करने लगे जिसके बाद वहां भीड़ इकठ्ठा हो गयी।
- परिजनों के अनुसार, डॉक्टर ने जख्मी पैर को ऑपरेशन में काटने के बाद उसी पैर को तकिया बनाकर सिर के नीचे रख दिया।
- परिजनों का कहना है कि इस दौरान लोगों ने पैर के तकिया बनाए जाने की तस्वीरें क्लिक कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दी।
वहीं मामले को संज्ञान में लेते हुए मेडिकल कॉलेज के सीएमएस ने उसे तुरंत हटवाया।
वॉर्ड के कर्मचारी ने कहा ,परिजन ने रखा था पैर
घटना को लेकर वॉर्ड में तैनात कर्मचारियों का कहना है कि मरीज के साथ उसकी माँ व पत्नी आयी थी और उन्होंने ही पैर को सिरहाने पर रखा था। उनसे कटा पैर कई बार हटाने को कहा गया लेकिन उन्होंने नहीं हटाया।