कोरोना के कारण महंगाई झेल रही बांग्लादेश की जनता को सरकार ने एक और झटका दिया है। सरकार ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों को 51.7 फीसदी बढ़ा दिया है जिसे अब तक के सबसे बड़ी वृद्धि बताई जा रही है। शेख हसीना सरकार को पेट्रोल के दामों पर 51.7 फीसदी औऱ डीजल पर 49 फीसदी की वृद्धि करनी पड़ी है. आजादी के बाद ईंधन की दरों में की गई यह सबसे बड़ी वृद्धि है
बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्रालय की नोटिफेकेश्न के मुताबिक, रात 12 से लागू नए किमतो के अनुसार, एक लीटर ऑक्टेन की कीमत अब 135 टाका हो गई है, जो 89 टाका की पिछली दर से 51.7 प्रतिशत अधिक है।
इस मूल्यवृद्धि के बाद बांग्लादेश में पेट्रोल 135 टका प्रति लीटर के पार पहुंच गया है. विदेशी मुद्रा भंडार की कमी के चलते बांग्लादेश के पास 4-5 महीनों के लिए ही पेट्रोल-डीजल का पैसा बचा है. इस बढ़ोतरी पर बोलते हुए बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन के मंत्रालय ने एक बयान जारी किया है। इस बयान में कहा गया है कि यह बढ़ोतरी अंतरराष्ट्रीय बाजार में ईंधन के बढ़ते दाम को लेकर की गई है।
मंत्रालय ने बयान में यह भी कहा है कि ज्यादा दाम में ईंधन खरीद कर देश में कम दाम में बेचने पर बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन को काफी नुकसान हो रहा है। कई शहरों में विरोध प्रदर्शन के बाद प्रदर्शनकारी हिंसा पर उतारू हो गए. उन्होंने न सिर्फ पुलिस के वाहनों में तोड़-फोड़ की बल्कि पेट्रोल पंप कर्मियों के साथ भी मारपीट की. कई स्थानों से आगजनी की खबरें भी आई हैं.