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सावधान ! अब छोटे बच्चो में भी हो रही हैं डाइबिटीज की समस्या, ऐसे पाए इससे छुटकारा

आज के समय में छोटे बच्चो में भी काफी देखी जा रही है डाइबिटीज एक बेहद गंभीर बीमारी है इ एक मेटाबोलिक विकार है जिससे शरीर में शुगर यानी काबोर्हाइड्रेट का अपघटन सामान्य रूप से नहीं होता और इसका सीधा असर दिल, नसों, किडनी और न्यूरोलॉजिकल सिस्टम पर पड़ सकता है डाइबिटीज का लम्बे समय तक ध्यान नहीं दिया गया तो इसका असर आँखों पर भी पड़ सकता है।

अगर बच्चो में थकान, सिर में दर्द, ज्यादा प्यास लगने, ज्यादा भूख लगने, व्यवहार में बदलाव, पेट में दर्द, बेवजह वजन कम होने, खासतौर पर रात के समय बार-बार पेशाब आने, यौन अंगों के आस खुजली है तो उसे डाइबिटीज हो सकती है बच्चो में टाईप 1 डायबिटीज के लक्षण कुछ ही सप्ताहों में तेजी से बढ़ जाते हैं।

टाईप 2 मधुमेह के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ते हैं और कई मामलों में महीनों या सालों तक इनका निदान नहीं हो पाता इसके लिए बच्चो को इंसुलिन थेरेपी दी जाती है कसर बच्चो को निदान के पहले साल में बच्चे को इंसुलिन की कम खुराक दी जाती है इसे ‘हनीमून पीरियड’ कहा जाता है।

अगर आपका बच्चा मोटा है तो उसमे डाइबिटीज का खतरा ज्यादा है इसके लिए उसका विशेष ध्यान रखे गतिहीन जीवनशैली के कारण शरीर इंसुलिन और रक्तचाप पर नियन्त्रण नहीं रख पाता चीनी से युक्त खाद्य एवं पेय पदार्थों का सेवन सीमित मात्रा करे विटामिन और फाईबर से युक्त संतुलित, पोषक आहार के सेवन से टाईप 2 डायबिटीज की संभावना को घटाया जा सकता है

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