पूरी नींद लेना हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी होता है. कहते हैं कि एक व्यक्ति को रात में करीब 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए. लेकिन अगर किन्हीं कारणों से वह ठीक से नींद नहीं ले पा रहा है, तो इसका बुरा असर सबसे ज्यादा दिमाग पर पड़ता है.
इससे भी गंभीर है 6 घंटे से भी कम सोना. कई लोगों को आदत होती है कि वे ठीक से 6 घंटे भी नहीं सोते हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक 6 घंटे या उससे कम की नींद लेने के कारण आपकी इम्यूनिटी कमजोर पड़ सकती है.
इस कारण आप अक्सर सर्दी-जुकाम व अन्य शारीरिक समस्याओं से ग्रस्त रहेंगे. कम नींद लेने का असर दिमाग पर जल्दी दिखने लगता है. हम इस लेख में आपको बताएंगे कि कम नींद लेने या सोने के कारण दिमाग पर किस-किस तरह इसका बुरा असर पड़ता है.
अगर आप 6 घंटे या उससे कम की नींद लेते हैं, तो एक समय पर आपकी मानसिक स्थिति बिगड़ने लगेगी और आप स्ट्रेस का शिकार बनने लगते हैं. ये स्ट्रेस कभी-कभी इतना बढ़ जाता है कि लोग डिप्रेशन तक से ग्रस्त हो जाते हैं.
कम नींद या अनिद्रा से ग्रस्त लोगों के दिमाग पर इतना बुरा असर पड़ता है कि उनकी ध्यान लगाने की क्षमता भी कमजोर पर पड़ने लगती है. वे चाहकर भी किसी जरूरी चीज में ध्यान नहीं लगा पाते हैं और इस कारण उनका बड़ा नुकसान भी हो सकता है.