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यूपी में योगी सरकार के बेहतरीन तीन वर्ष

लखनऊ। तीन वर्ष पूरे होने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रिपोर्ट कार्ड जारी किया। इसमें उपलब्धियों की लंबी फेहरिस्त है। इन तीन वर्षों के कई कार्य पिछले सत्तर वर्षों पर भारी है। अनेक ऐसी उपलब्धियां है,जो पिछली दो सरकारों को पीछे छोड़ने वाली है। यह कहा जा सकता है कि शेष दो वर्षों में योगी का पूरा फोकस विकास पर ही केंद्रित रहेगा। इस अवधि में उनकी गति पिछले तीन वर्षों के मुकाबले तेज होगी। वह इस मामले में बड़ी लकीर खींच चुके है। इसका इन दो वर्षों में विस्तार होगा।

तीन वर्ष पहले उत्तर प्रदेश में हुआ राजनीतिक परिवर्तन अप्रत्याशित था। इसके पहले प्रदेश की राजनीति सपा और बसपा के दायरे में सिमटी थी। मतदाता एक से नाराज हुआ तो दूसरे को ले आया, उससे नाराज हुआ तो पहले वाले को बहुमत दे दिया। लेकिन इन प्रयोगों के बाद भी जनाकांक्षा पूरी नहीं हुई। प्रदेश में विकास के अनुकूल माहौल नहीं बना। औद्योगिक रूप से प्रदेश बीमारू ही बना रहा। जातिवाद व मजहब के समीकरण प्रमुख हो गए थे। निवेशकों की उत्तर प्रदेश के प्रति कोई दिलचस्पी नहीं थी। इस माहौल में योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की कमान संभाली थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश के विकास का व्यापक रोडमैप बनाया। विकास की योजनाएं बनाई गई। योजनाओं पर तेजी से अमल सुनिश्चित किया। प्रयागराज कुंभ,किसानों को राहत,किसानों की कर्जमाफी, डिफेंस कॉरिडोर,आयुष्मान योजना, चार एक्सप्रेस-वे पर कार्य,प्रवासी सम्मेलन आदि सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार हैं।

योगी सरकार का शुरू से किसानों पर फोकस बना हुआ है। योगी की विरासत में बड़े राजकोषीय घाटे व ऋण बोझ का राजकोष मिला खजाना था। विधानसभा में पेश नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ था। जबकि योगी सरकार प्रदेश के विकास की योजनाओं को समय से पूरा करने का संकल्प लिया। योगी आदित्यनाथ ने सबसे पहले प्रदेश के माहौल को सुधारने का कार्य किया। अन्य सुधार भी इसी से जुड़े थे। इसी के अनुरूप उन्होंने सुशासन की स्थापना को प्राथमिकता दी। इसके बाद बिजली और सड़क को महत्व दिया। डिफेंस कॉरिडोर,पूर्वांचल एक्सप्रेस वे,बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे आदि के निर्माण का निर्णय हुआ। कार्य में प्रगति हो रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को पांच ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प लिया है। उत्तर प्रदेश इसमें एक ट्रिलियन डॉलर का योगदान करेगा। इसके लिए इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट के साथ मिलकर कार्ययोजना बनाई गई है। इसके मद्देनजर प्राथमिकताएं भी तय की गई। योगी ने कहा कि जब उन्होंने पद संभाला था, तब अर्थव्यवस्था, विकास, कानून व्यवस्था की दशा खराब थी। अराजकता भ्रष्टाचार और असुरक्षा का माहौल था। शिक्षा व्यवस्था बदहाल थी। इन समस्याओं का निराकरण किया गया। एक जनपद, एक उत्पाद योजना लागू की गई। यह सफल रही है। प्रयागराज कुम्भ में तीर्थयात्रियों की संख्या,सुरक्षा,स्वच्छता और सुव्यवस्था के नए रिकार्ड बने। अयोध्या में दीपोत्सव और मथुरा में रंगोत्सव से आध्यात्मिक, सांस्कृतिक परंपरा के साथ ही पर्यटन को बढ़ावा देने की शुरुआत की गई।

पहली बार अप्रवासी भारतीय सम्मेलन काशी में हुआ। इसमें सत्तर से अधिक देशो के सात हजार प्रतिनिधि शामिल हुए। सरकार बनने के चौबीस घंटे में अवैध बूचड़खाने बंद किये गए।इन्फ्रास्ट्रक्चर और इंटर स्टेट कनेक्टिविटी को मजबूत बनाया जा रहा है। एक्सप्रेस वे बन रहे हैं। पहला जल मार्ग वाराणसी में शुरु हुआ है। पूर्व और पश्चिम फ्रंट कॉरिडोर प्रदेश से गुजर रहे हैं। इनका जंक्शन दादरी में है। इंफ्रास्ट्रक्चर और इंडस्ट्री में बड़ा निवेश हो रहा है। भविष्य में यूपी सबसे तेजी से उभरने वाली अर्थव्यवस्था वाले राज्यों में होगा। डिफेंस कॉरिडोर में कोरिया, इजराइल, रूस, फ्रांस, जर्मनी ने रुचि दिखाई। इसका क्षेत्र झांसी, चित्रकूट, कानपुर,आगरा, अलीगढ़ और लखनऊ होगा। लखनऊ में डिफेंस एक्सपो आयोजित किया गया।

वेब पोर्टल के रूप में निवेश मित्र की स्थापना की गई है। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होने से निवेशकों को सुविधा हुई है। तीन करोड़ से अधिक शौचालय बनाये गए। तीस लाख प्रधानमंत्री आवास बनाकर गरीबों को दिए गए। सड़क, बिजली, पानी की व्यवस्था को गरीब, गांव और किसानों के साथ जोड़ा जा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने केंद्र सरकार की प्रेरणा से विकास के कीर्तिमान स्थापित किये हैं। स्वच्छता,शौचालय निर्माण,प्रधानमंत्री निर्धन आवास निर्माण आदि के मामले में उत्तर प्रदेश नम्बर वन पर पहुंच गया है। अब अगले चरण में योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। योगी आदित्यनाथ ने पहले निवेश के अनुकूल माहौल बनाया। सरकारी मशीनरी को चुस्त दुरुस्त किया। संबंधित मंत्रियों व अधिकारियों को तैयार किया। इसके बाद इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया। यही कारण था कि दो हजार अठारह में प्रदेश में अभूतपूर्व इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन हुआ।

फिर कुछ महीने बाद शिलान्यास समारोह का भी आयोजन हुआ। निवेश का दूसरा आयोजन भी सफल रहा। डिफेंस एक्सपो से भी बढ़ी संख्या में निवेश प्रस्ताव हासिल हुई। इंफ्रास्ट्रक्चर,ऊर्जा, कृषि, परिवहन के अलावा न्यू जनरेशन के डाटा सेंटर, एयरोस्पेस रक्षा आदि क्षेत्रों में बेहतर कार्य हो रहे हैं। एचसीएल ने नोएडा में विश्व का सबसे बड़ा कैंपस बनाया है। कृषि आधारित खाद्य व्यवसाय को भी प्रदेश में प्रोत्साहन दिया जा रहा है। इससे किसानों की आमदनी बढ़ेगी। उत्तर प्रदेश औद्योगिक और नवाचार केंद्र के रूप में अपनी पहचान बनाने की दिशा में बढ़ रहा है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के मामले में उत्तर प्रदेश ऊपर हुआ।

योगी आदित्यनाथ ने न्यू यूपी का रोडमैप तैयार किया है। जिसमें एक जिला एक उत्पाद, निवेश,कृषि का विकास,ढांचागत विकास,तीर्थाटन,पर्यटन,शिक्षा,स्वास्थ,एक्सप्रेस वे,अवस्थापना सुविधा आदि अनेक विषय शामिल है। पिछले तीन वर्ष में विकास के अनेक राष्ट्रीय कीर्तिमान स्थापित हुए है। अयोध्या,काशी मथुरा,प्रयागराज सहित अनेक आध्यत्मिक नगरों का इस दृष्टि से विकास किया जा रहा है। काशी में देव दीपावली व शिवरात्रि, अयोध्या में रामनवमी व दीपोत्सव,मथुरा के बरसाना में रंगोत्सव व जन्माष्टमी उत्सवों को योगी सरकार ने भव्य और व्यापक स्वरूप प्रदान कर दिया है। ये सभी आयोजन भारत ही नहीं विश्व में भी प्रसिद्ध हो रहे है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा हैं।

योगी सरकार के प्रयासों से प्रयागराज कुम्भ दुनिया का यूनीक इवेण्ट बन गया है। अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की डेढ़ दर्जन संस्थाएं अब तक के सर्वाधिक विशाल कुम्भ की सफलता पर शोध कर रही है। इसके पहले पच्चीस करोड़ लोग किसी कुम्भ में नहीं आये थे। नमामि गंगे योजना सफलता के साथ आगे बढ़ रही है। तीन वर्ष में प्रदेश में तीस लाख लाख परिवारों को आवास दिए गए, दो करोड़ इकसठ लाख शौचालय बनाये गए। योगी सरकार के पहले इतनी ही अवधि में मात्र दस हजार आवास और तैतीस लाख शौचालय बने थे।

उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति सालाना आय बयालीस हजार रुपए थी,यह अब बढ़कर सत्तर हजार रुपए प्रति व्यक्ति हो गई है। योगी सरकार से पहले प्रदेश में अठारह प्राइवेट यूनिवर्सिटी थी। इस सरकार में अट्ठाइस निजी यूनिवर्सिटी को एक साथ अनुमति दी गई। इसके अलावा आठ नई राजकीय यूनिवर्सिटी बनेंगी। किसानों को नई तकनीक से जोड़ा गया है। कृषि,सिंचाई,फसल बीमा सम्बन्धी योजनाएं लागू हैं। बेसिक शिक्षा में एक करोड़ अस्सी लाख बच्चों को निःशुल्क पुस्तकें, यूनिफार्म,स्वेटर,जूते मोजे दिए जा रहे हैं।

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