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जनता की जासूसी, सरकार मांग रही यूजर्स के फोन कॉल रिकॉर्ड, जाने पूरा मामला

सुप्रीम कोर्ट द्वारा मोबाइल यूजर्स की निगरानी और अनिवार्य गोपनीयता दिशा-निर्देशों के कथित उल्लंघन का सवाल उठाने के बाद भी सरकार पिछले कुछ महीनों से विशिष्ट दिनों के लिए देश के कई इलाकों में सभी मोबाइल ग्राहकों के कॉल रिकॉर्ड (सीडीआर) मांग रही है। नाम नहीं छापने की शर्त पर दूरसंचार कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसका खुलासा किया है। अधिकारी ने बताया कि ऐसा पिछले कई महीनों से हो रहा है मगर इस साल जनवरी और फरवरी में ऐसे अनुरोध बड़े पैमाने पर किए गए।

सरकार द्वारा सीडीआर मांगने का यह असामान्य अनुरोध दूरसंचार विभाग (DoT) की स्थानीय इकाइयों के माध्यम से दूरसंचार ऑपरेटरों को भेजा गया है। इसमें दिल्ली, आंध्र प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, केरल, ओडिशा, मध्य प्रदेश और पंजाब के सर्कल में मोबाइल यूजर्स के कॉल रिकॉर्ड मांगे गए हैं।

अधिकारी ने बताया कि 12 फरवरी को सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने दूरसंचार विभाग के सचिव अंशु प्रकाश को एक शिकायत में इन अनुरोधों को लाल झंडी दिखा दी। COAI ने एक नोट में अंशु प्रकाश से कहा कि विशिष्ट इलाकों के लिए मांगी गई सीडीआर नए आरोपों को जन्म दे सकती है। खासतौर पर दिल्ली जैसे राज्य में, जहां बहुत से वीवीआईपी जोन हैं और उनके ऑफिस हैं। राजधानी में मंत्रियों, सांसदों, जजों आदि के निवास स्थान भी हैं। बता दें कि सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन सभी प्रमुख दूरसंचार ऑपरेटरों का प्रतिनिधित्व करता है।

इस मामले में मीडिया द्वारा दूरसंचार विभाग के सचिव अंशु प्रकाश का पक्ष जानने के लिए एक मेल भेजा गया है, हालांकि इस पर अभी तक जवाब नहीं आया है।

संपर्क करने पर भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) के एक पूर्व अध्यक्ष ने बताया, ‘यह बहुत असामान्य बात है। एक बार जब उनके पास एक डेटाबेस होता है, तो वे यह पता लगाने के लिए विशिष्ट नंबरों को संदेह के घेरे में ले सकते हैं कि यूजर ने किससे बात की। कोई वजह होने चाहिए सीडीआर जानकारी मांगने के लिए। यह एक मनमानी कार्रवाई और निजता के अधिकार का उल्लंघन है।

टेलीकॉम कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘वो महज एक व्यक्ति का डेटा नहीं मांग रहे। वो कह रहे हैं कि उस दिन क्षेत्र में हर किसी का डेटा दिया जाए। यह मानक संचालन प्रक्रिया का स्पष्ट रूप से उल्लंघन है। किसी का डेटा टैप करने के लिए संभावित कारण की आवश्यकता होती है।’ पूछने पर कि क्या ऑपरेटर सरकार के अनुरोधों का अनुपालन कर रहे थे, उन्होंने ने कहा, ‘हमारे पास कोई विकल्प नहीं है।’

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