यूपी में घर खरीदने जा रहे लोगों के काम की एक बड़ी खबर है। बहुमंजिला इमारतें बनाने वाले बिल्डरों को अब नक्शा पास कराते समय बिल्डिंग की उम्र भी बतानी होगी। इसके लिए बिल्डर, आर्किटेक्ट, स्ट्रक्चरल इंजीनियर तथा भूस्वामी को संयुक्त रूप से बिल्डिंग की उम्र का प्रमाण पत्र देना होगा।
इसमें स्पष्ट तौर पर लिखना होगा की बिल्डिंग की उम्र क्या होगी। कितने वर्ष तक बिल्डिंग पूरी तरह सुरक्षित रहेगी। 25 वर्ष तक हर पांच वर्ष के अंतराल तथा 50 वर्ष बाद प्रत्येक वर्ष इसकी विशेषज्ञ स्ट्रक्चरल इंजीनियर से सेफ्टी ऑडिट करानी होगी। एलडीए ने इसके लिए स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी 2023 तैयार की है। इसे इसी महीने से लागू किया जाएगा।
ऑडिट में कमी मिलने पर खर्चा बिल्डर उठायेगा 50 वर्ष के बाद हर प्रत्येक वर्ष में स्ट्रक्चरल सेफ्टी ऑडिट होगी। बिल्डिंग बनने तथा उपभोग जारी होने के 5 वर्ष बाद तक स्ट्रक्चरल ऑडिट की जिम्मेदारी बिल्डर की होगी। ऑडिट में कोई कमी मिलने पर उसे अपने खर्चे पर ठीक कराना होगा।
समय सीमा समाप्त होने के बाद ऑडिट की जिम्मेदारी आरडब्लूए की होगी। ऑडिट के लिए एलडीए प्रतिष्ठित स्ट्रक्चरल कंसलटेंट का एक पैनल बनाएगा। इसमें आईआईटी, एनआईटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी तथा सीएसआईआर सहित अन्य स्ट्रक्चरल संबंधित रिसर्च इंस्टीट्यूट को शामिल किया जाएगा।
जनवरी 2023 में अलाया अपार्टमेंट ढह गया था। इसमें तीन लोगों की मौत हुई थी जबकि 15 लोगों को सुरक्षित बचाया गया था। यह बिल्डिंग बनने के लगभग 15 वर्ष में ही ढह गई थी। इसके ध्वस्त होने पर शासन ने एलडीए को स्ट्रक्चरल ऑडिट पॉलिसी तैयार करने का निर्देश दिया था। 10 अप्रैल को एलडीए बोर्ड की बैठक में इसे रखा जा रहा है। नई पॉलिसी में तमाम नई चीजें जोड़ी गई हैं।
जिससे समय पर बिल्डिंग की खामियां चिन्हित हो जाएं। अभी तक बिल्डरों को बिल्डिंग का नक्शा पास कराते समय केवल फायर सेफ्टी से जुड़े दस्तावेज तथा एनओसी देनी पड़ती थी। उन्हें आर्किटेक्ट, स्ट्रक्चरल इंजीनियर तथा भूस्वामी की तरफ से एक प्रमाण पत्र भी देना होगा। बिना इस प्रमाण पत्र के बहुमंजिला इमारत का नक्शा नहीं पास होगा। इस पॉलिसी को बिल्डिंग बाइलॉज पॉलिसी से जोड़ा गया है।