पाकिस्तान के आम चुनाव से पहले पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को मंगलवार को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने उनके और उनकी बेटी मरियम नवाज के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की एक बड़ी जांच बंद कर दी है।
देश में आठ फरवरी को आम चुनाव होने वाले है, जहां पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के प्रमुख शरीफ को रिकॉर्ड चौथी बार प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में सबसे आगे माना जा रहा है। एनएबी ने शरीफ ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले में नवाज और उनके परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ बड़ी जांच बंद करने की घोषणा की है।
एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘एनएबी के कार्यकारी बोर्ड ने शरीफ ट्रस्ट मामले में पीएमएल-एन सुप्रीमो नवाज शरीफ, उनकी बेटी मरियम नवाज शरीफ और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच बंद करने को आज मंजूरी दे दी।’ट्रस्ट द्वारा अवैध तरीकों से लाखों रुपये हासिल करने के आरोपों की जांच साल 2000 में शुरू की गई थी। नवाज और उनके परिवार के सदस्यों पर फंड की हेराफेरी और ट्रस्ट के नाम का इस्तेमाल कर संपत्ति बनाने का भी आरोप था। अक्तूबर 2023 में ब्रिटेन से लौटने के बाद से नवाज शरीफ को एवनफील्ड और अल-अजीजिया मामलों में बरी कर दिया गया है। जिसमें उन्हें क्रमश: दस और सात साल की सजा सुनाई गई थी।
इससे पहले सोमवार को सर्वोच्च न्यायालय ने संविधान के अनुच्छेद 62 (1) (एफ) के तहत सांसदों की आजीवन आयोग्यता को रद्द कर दिया। इस फैसले के साथ ही नवाज अब आगामी आम चुनाव लड़ने के लिए योग्य हो गए हैं। पीएमएल-एन ने उच्चतम न्यायालय के फैसले की सराहना करते हुए इसे संवैधानिक शुचिता बहाल करने की दिशा में उठाया गया कदम बताया। पार्टी की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने एक बयान में कहा, ‘इतिहास ने तीन बार प्रधानमंत्री रहे नवाज शरीफ को सही साबित किया है और उनका सम्मान बहाल किया है।’ शीर्ष अदालत ने पनामा पेपर्स मामले में नवाज के चुनाव लड़ने पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था। वह नेशनल असेंबली की दो सीटों – एक लाहौर और दूसरी मानशहरा में चुनाव लड़ रहे हैं।