पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने शहबाज शरीफ सरकार को बड़ी राहत देते हुए भ्रष्टाचार रोधी कानून में हुए बदलावों को लागू करने की मंजूरी दे दी है। पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश काजी फैज ईसा ने संघीय सरकार और अन्य पक्षों द्वारा दायर इंट्रा-कोर्ट अपील पर यह फैसला दिया है। पांच जजों की पीठ ने बीती 6 जून को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) कानूनों में संशोधन को पूर्व में रद्द कर दिया था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही फैसले को पलट दिया है।
नवाज शरीफ, आसिफ अली जरदारी को मिलेगा फायदा
मई 2023 में शहबाज शरीफ के नेतृत्व में पाकिस्तान सरकार ने भ्रष्टाचार रोधी राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो कानूनों में संशोधन किया था। इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने इस कानून की आलोचना की थी और दावा किया था इसके कारण आसिफ अली जरदारी, शहबाज शरीफ और उनके भाई नवाज शरीफ जैसे प्रमुख राजनेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले वापस ले लिए गए थे। पूर्व प्रधानमंत्री खान ने संशोधनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसने पिछले साल सितंबर में बदलावों को रद्द कर दिया था।
इसके खिलाफ पाकिस्तान की संघीय सरकार ने फिर से अपील की। जिस पर अब अदालत ने अपील के पक्ष में सर्वसम्मति से फैसला सुनाया और उन संशोधनों को बहाल कर दिया जिन्हें पहले असंवैधानिक घोषित किया गया था। अदालत ने फैसले में कहा कि मुख्य न्यायाधीश और अन्य न्यायाधीश ‘संसद के द्वारपाल नहीं हो सकते’। कोर्ट ने ये भी कहा कि ‘जब भी संभव हो, सुप्रीम कोर्ट को संसद द्वारा बनाए गए कानून को बनाए रखने का प्रयास करना चाहिए’।