किसानों के आंदोलन के बीच पंजाब और हरियाणा में जियो के टावरों में तोड़फोड़ के बाद रिलायंस इंडस्ट्रीज का बड़ा बयान आया है। यह बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि केंद्र सरकार और किसानों के बीच 8वें दौर की बातचीत होने वाली है।
रिलायंस ने अपने बयान में लिखा है, मूल कंपनी यानी, Reliance Industries Limited ने कांट्रैक्ट फार्मिंग या कारपोरेट फार्मिंग का कोई कांट्रैक्ट नहीं किया है और भविष्य में इस व्यवसाय में प्रवेश करने की कोई योजना नहीं है। ना तो रिलायंस और ना ही हमारी किसी भी सहायक कंपनी ने कोई कृषि भूमि खरीदी है।
भारत में रिटेल चेन में रिलायंस रिटेल एक बड़ी कंपनी है, लेकिन हम किसानों से सीधे अनाज नहीं खरीदते, हम सप्लायर के माध्यम से खरीददारी करते हैं और हमारे सप्लायर एमएसपी पर ही किसानों से अनाज खरीदते हैं। इसलिए रिलायंस और इसके सहयोगी पूरी तरह से भारतीय किसानों की आकांक्षा का समर्थन करते हैं।
कंपनी ने कहा, ‘वास्तव में हम न्यूनतम समर्थन मूल्य का सख्ती से पालन करने के लिए अपने आपूर्तिकर्ताओं पर जोर देंगे। रिलायंस भारतीय किसानों के हितों को चोट पहुंचाने की सोच भी नहीं सकती है। हमारी कंपनी जियो के 4जी नेटवर्क ने हर एक गांव को विश्वस्तरीय डेटा कनेक्टिविटी प्रदान की है। दुनिया में कहीं भी सबसे सस्ती दरों पर भारत इस प्रकार का लाभ पा रहा है। करोड़ों भारतीय किसानों को डिजिटल क्रांति से मात्र चार वर्षों में Jio ने जोड़ दिया है।’
अपने बयान में कंपनी ने आगे कहा, ‘कोविड संकट के समय Jio ने देश में किसानों, व्यापारियों और उपभोक्ताओं की मदद की है। संकट के समय लोगों को घर से काम करने में सक्षम बनाया है और छात्रों को घर से पढ़ाई करने में मदद की।’
कंपनी ने पंजाब एंड हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उपद्रवियों और निजी स्वार्थ में लगे लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की है। रिलायंस पंजाब और हरियाणा में एक बार फिर से अपने सभी कारोबार को सुचारू रूप से चलाने के लिए जनता और मीडिया से आग्रह करती है कि वे सही तथ्यों को समझे और लोगों को अवगत कराए ताकि लोग गुमराह न हों।