देश के पांच राज्यों में बर्ड फ्लू का संकट मंडराने लगा है. राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और केरल में हजारों पक्षियों की मौत ने चिंता बढ़ा दी है. कुछ जगहों पर मारे गए पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि हो चुकी है. एक तरफ कोरोना संकट से निपटने के लिए वैक्सीनेशन पर चर्चा चल रही है, तो दूसरी तरफ बर्ड फ्लू ने प्रशासन से लेकर स्वास्थ्य विभाग के कान खड़े कर दिए हैं. चिंता की बात ये है कि दोनों ही बीमारियों के लक्षण काफी हद तक मिलते-जुलते हैं.
हरियाणा का पोल्ट्री हब कहे जाने वाले अंबाला और पंचकुला में एक लाख मुर्गियों की मौत हो गई. फिलहाल सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं. देश के उत्तर से दक्षिण तक अचानक हजारों पक्षियों की मौत से हड़कंप मच गया है. कौवे, बत्तख, मुर्गियों और बगुले की मौत को लेकर राजस्थान, एमपी, हिमाचल गुजरात, मध्य प्रदेश हर जगह खलबली मच गई है. राजस्थान में तो धारा-144 लागू करनी पड़ी है.
वहीं मरे हुए कौवों में घातक वायरस पाए जाने के बाद राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश की सरकार ने अलर्ट जारी किया है. मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग ने कहा कि प्रदेश में हो रही कौवों की मृत्यु पर प्रभावी नियंत्रण लगाने के लिए पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह पटेल के निर्देश पर अलर्ट जारी किया गया है.
इसके अलावा प्रदेश के सभी जिलों को सतर्क रहने और किसी भी प्रकार की परिस्थिति में कौवों और पक्षियों की मौत की सूचना पर तत्काल रोग नियंत्रण के लिये भारत सरकार द्वारा जारी निर्देशों के तहत कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए हैं.
वहीं केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा जिलों के कुछ हिस्सों में बर्ड फ्लू फैलने की जानकारी सामने आई है, जिसके चलते प्रशासन ने प्रभावित क्षेत्रों में और उसके आसपास एक किलोमीटर के दायरे में बत्तख, मुर्गियों और अन्य घरेलू पक्षियों को मारने का आदेश दिया है. अधिकारियों ने कहा कि एच5एन8 वायरस के प्रसार की रोकथाम के लिए करीब 40,000 पक्षियों को मारना पड़ेगा.