लखनऊ। समाजवादी पार्टी मुख्यालय में नोटबंदी के तीसरे वर्ष पर बैंक की लाइन में जन्मे खजांची का जन्मदिन बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर ‘नोटबंदी एक मानव निर्मित त्रासदी’ पुस्तक का विमोचन भी सम्पन हुआ। कार्यक्रम के दौरान ही यशभारती सम्मान प्राप्त कलाकार नूर अलस्सपा (मेरठ) ने सपा अध्यक्ष अखिलेश का पोट्रेट चित्र उन्हें भेंट किया।
झींझक (कानपुर देहात) के अनन्त धौकल गांव निवासी श्रीमती सर्वेशा देवी जब नोटबंदी की घोषणा पर बैंक की लाइन में लगी थी तभी उनका प्रसव हो गया था। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने तब नवजात बच्चे का नाम खजांची रखा था और उसकी तमाम तरह की मदद भी की थी। आज उसका तीसरा जन्म दिन श्री अखिलेश यादव ने हैप्पी बर्थ-डे के गीत के साथ केक काटकर मनाया। उसे उपहार दिए गए। इस मौके पर उसके भाई-बहन भी मौजूद थे। नन्हा खजांची इस पूरे दृश्य को भौचंक देखता रहा।
अखिलेश यादव ने इस अवसर पर दीपक कुमार पाण्डेय की पुस्तक ‘नोटबंदी एक मानव निर्मित त्रासदी‘ तथा डाॅ. विश्राम यादव की पुस्तक ‘मध्य कालीन निर्गुण संतो की साहित्य साधन एवं अद्वैत परक संदृष्टि‘ का भी विमोचन किया। दीपक कुमार पाण्डेय ने कहा कि नोटबंदी से आर्थिक आपातकाल की स्थिति बन गई। बैंक दिवालिया हो गए है। नोटबंदी से कालाधन, आतंकवाद, नक्सलवाद की समाप्ति के वादे थोथे साबित हुए हैं। नोटबंदी से गरीब का धन बैंक में जमा हो गया, कारपोरेट सोसायटी का पैसा नहीं आया।
उत्तर प्रदेश के चुनाव जीतने में कालाधन का प्रयोग हुआ। जीएसटी में 300 संशोधन किए गए हैं। व्यापारी त्रस्त हैं। व्यापारी अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि नोटबंदी से बेकारी बढ़ी है, उद्योगधंधे बंद हुए हैं। अखिलेश यादव ने प्रेस कांफ्रेंस में विस्तार से बताया कि नोटबंदी ने किस तरह से पूरी भारतीय अर्थ-व्यवस्था चैपट की है। फलस्वरूप किसान आत्महत्या कर रहे हैं, नौजवान बेकारी के शिकार हैं। छोटे उद्योग धंधे और व्यापारी बर्बादी के कगार पर पहुंच गये हैं।