समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के भारत आगमन पर भारत सरकार जनता की गाढ़ी कमाई के सैकड़ों करोड़ रूपयों का अपव्यय करने जा रही है। कई लाख लोगों की भीड़ ट्रम्प जी को ‘नमस्ते‘ कहने के लिए ही जुटाई जा रही है। लेकिन दिखावे की तमाम कोशिशों के बावजूद सच्चाई पर पर्दा नहीं डाला जा सकता है। पूरे विश्व को मालूम है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर में फंसी है। बेरोजगारों को सब्जबाग दिखाकर जश्न में लगाना नौजवानों के भविष्य को अंधकार मय बनाना है। भारत का किसान अंधकार में धकेल दिया है। उन्हें भी चकाचैंध में भटकाया जा रहा है।
अजीब विडम्बना है कि जिस गुजरात ने गांधी जी को जन्म दिया, जिन्होंने गरीब भारत के प्रतिनिधि के तौर पर एक लंगोटी में पूरा जीवन बिता दिया, उसी गुजरात में जबर्दस्त शान शौकत के पटाखे दगाए जा रहे हैं। अहमदाबाद में ही गांधी जी का साबरमती आश्रम है जहां से वे दांडी मार्च के लिए निकले थे। इन सबकी उपेक्षा करना गांधीजी के आदर्शों का तिरस्कार करना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प अहमदाबाद में जिस रास्ते से गुजरेंगे वहां गरीबों की झोपड़ियां नहीं दिखाई दें इसके लिए उनके सामने दीवार खड़ी कर दी गई है। गरीबी ढकने का यह ‘गुजरात माॅडल‘ है। गरीब का इससे वीभत्स मजाक और क्या हो सकता है? ट्रम्प को भारत का यह बनावटी और चमकता भारत दिखाने का क्या मंतव्य हो सकता है? गांधीजी के भारत में विदेशी मेहमान का स्वागत सादगी से क्यों नहीं हो सकता है?
उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार में विकास के जो गुणवत्ता पर काम हुए उनसे भाजपा को परहेज है। उत्तर प्रदेश में समाजवादी सरकार के समय आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे का निर्माण हुआ था। इसकी ऐसी गुणवत्ता थी कि इस पर वायुसेना का युद्धक विमान और भारी माल वाहक हरक्यूलिस विमान भी उतर सका था। 325 किलोमीटर लम्बे इस एक्सप्रेस-वे को अमेरिकी राष्ट्रपति श्री ट्रम्प के विमान की आपात लैंडिंग पर रनवे के रूप में इस्तेमाल किए जाने के रूप में चुना गया है। उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार के तीन वर्ष हो चुके हैं अभी तक धेला भर काम नहीं किया है। उनके कार्यकाल की सम्पूर्ण उपलब्धि यही है कि वे विकास के नाम पर एक के बाद एक तुकबंदी करते रहे हैं।