फ़िल्म “थप्पड़” की टीम सहित मुख्य अभिनेत्री तापसी पन्नू और निर्देशक अनुभव सिन्हा ने एक याचिका का समर्थन किया है, जिसमें घरेलू हिंसा को प्रदर्शित करने वाली फिल्मों में डिसक्लेमर लगाने की मांग की गई है।
महिका बनर्जी द्वारा महिलाओं के अधिकार संगठन ब्रेकथ्रू Change.org के लिए शुरू की गई याचिका पर अब तक 1.27 लाख से अधिक हस्ताक्षर एकत्र कर चुकी है।
तापसी ने इस अभियान को बढ़ावा देने के लिए एक कांसेप्ट वीडियो शूट किया है।
“जब ऑन स्क्रीन हमारे पास शराब, धूम्रपान और पशु क्रूरता के लिए डिसक्लेमर है, तो ‘थप्पड़’ के लिए डिसक्लेमर क्यों नहीं है?” अभिनेत्री ने इस वीडियो में यह सवाल उठाया है।
याचिका में सूचना और प्रसारण मंत्रालय व केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) से हिंसा के दृश्यों की पहचान करने और उन्हें चेतावनी व डिसक्लेमर के साथ समर्थन देने की बात कही गई है।
“मुझे खुशी है कि ऑन-स्क्रीन लिंग भेदभाव हिंसा के प्रति चेतावनी और डिसक्लेमर पर हमारी याचिका को भारी सकारात्मक प्रतिक्रिया मिली है।
हमें पूरा विश्वास हैं कि लोकप्रिय संस्कृति और समुदाय आधारित कार्यों के माध्यम से स्थायी व्यवहार परिवर्तन लाने के हमारे प्रयास इन लिंग आधारित हिंसा को समाप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। मैं खुश हूं कि फिल्म ”थप्पड़” ने इसके प्रति पहला स्टेप लिया है। हमें उम्मीद है कि कई अन्य फिल्में इस प्रथा का पालन करेंगी, ”सोहिनी भट्टाचार्य, अध्यक्ष और सीईओ, ब्रेकथ्रू ने एक बयान में कहा।
32 वर्षीय अभिनेत्री ने भी अपने सोशल मीडिया पर याचिका को अपना समर्थन देते हुए सीबीएफसी से महिलाओं के खिलाफ हिंसा को दर्शाने वाली फिल्मों में डिस्क्लेमर लगाना अनिवार्य करने की बात कही है।
“जब हमारी अधिकांश फिल्में महिलाओं के गलत चित्रण से भरी होती हैं, तो ”थप्पड़” जैसी फिल्में हमारे सामूहिक विवेक में एक हलचल पैदा कर देती हैं।
महिका की Change.org याचिका पर तापसी का समर्थन, भारतीय फिल्म उद्योग के लिए एक महत्वपूर्ण बयान है जो महत्वपूर्ण मुद्दों पर सही संदेश भेजने की जिम्मेदारी लेता हुए हमारे देश की लाखों महिलाओं को हर दिन प्रभावित करता है।”,Change.org इंडिया की कंट्री डायरेक्टर निदा हसन ने कहा।
“थप्पड़” 28 फरवरी को रिलीज होने के लिए तैयार है।