समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा ने कभी लोकतंत्र का सम्मान नहीं किया है। पंचायत चुनाव में बुरी तरह परास्त होने के बाद भी भाजपा लोकतान्त्रिक प्रणाली के विरुद्ध षड़यंत्र करने से बाज नहीं आ रही है। भाजपा की रणनीति निर्वाचित सदस्यों को डराना-धमकाना और प्रलोभन के जरिए सत्ता का दुरुपयोग कुत्सित इरादों का संकेत है। भाजपा को सन 2022 के विधानसभा चुनावों में भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।
भाजपा सरकार की कुरीतियाँ प्रदेशवासियों को भारी पड़ रहीं हैं। प्रशासन की मिलीभगत से आपदा को अवसर बनाने वाले लोगों की जिन्दिगियों से खेल रहें हैं। अब तो कोरोना संक्रमण प्रदेश के ग्रामीण लोगों में भी तेजी से फैल रहा है। शहरों के मुकाबले गाँवों में स्वास्थ्य ढांचा बेहद कमजोर है। जाँच, उपचार के लिए अस्पताल हैं नहीं। ऑक्सीजन की कमी आपातकाल है। माननीय न्यायालय ने भी कहा है कि ऑक्सीजन की से मरीजों की मौत के लिए भाजपा सरकार अपनी जिम्मेदारी से कैसे बच सकती है।
इतना समय बीत जाने के बाद भी अस्पतालों में ऑक्सीजन,बेड, इलाज और टीके की कमी से मौतें हो रहीं हैं। अधिकारियों की लम्बी चौड़ी तथाकथित फौज लगाने के बावजूद कालाबाजारी नहीं रुक रही है। दवाएँ बाजार से गायब हैं। सीएमओ ऑफिस मैं अराजकता है। भाजपा सरकार इन पर लगाम कसने मैं असमर्थ है और अपनी अक्षमता को छिपाने मैं व्यस्त रहते हैं।
सच तो यह है कि भाजपा सरकार के कार्यकाल मैं समाज के हर वर्ग को परेशानी और प्रताड़ना मिल रही है। भूख, बेकारी, गरीबी के अलावा इस सरकार से और क्या मिला है लोगों को। जब इनकी जिम्मेदारी लोगों को कोरोना से बचाने की थी तब तो ये दूसरे राज्यों के चुनाव में लगे रहे। भाजपा सरकार लोगों की जिंदगियां उजाड़नेवाली सरकार बन गई है। वस्तुतः “जहाँ-जहाँ पैर पडे भाजपा के, वहाँ-वहाँ बंटाधार के हालात खुद-ब-खुद बन जाते हैं”।