लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से आज बीटीसी प्रशिक्षुओं के प्रतिनिधिमण्डल ने मुलाकात किया। प्रतिनिधिमण्डल ने समाजवादी पार्टी अध्यक्ष को एक ज्ञापन भी सौंपा। जिसमें उन्होंने 68,500 सहायक अध्यापक के 21 मई के शासनादेश के कटआॅफ को बनाये रखने में सहयोग की मांग की है।
बीटीसी प्रशिक्षुओं को पुलिस ने बर्बरता पूर्वक पीटा
तिनिधिमण्डल ने पूर्व मुख्यमंत्री श्री यादव को बताया कि कल विधानसभा के सामने शांतिपूर्ण तरीके से अहिंसक धरना करने वाले बीटीसी प्रशिक्षुओं को पुलिस ने बर्बरता पूर्वक पीटा जिसके कारण कई महिला-पुरूष अभ्यर्थी गंभीर रूप से घायल हो गये। साथ ही कई लोगों को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। बीटीसी प्रशिक्षुओं ने कहा कि भाजपा सरकार में रोजगार के सभी अवसर समाप्त किए जा रहे हैं।
वर्तमान सरकार में अब तक कोई भी वैकेन्सी पूरी नही हो सकी है। बीटीसी प्रशिक्षु ने बताया कि वो लोग बीते 13 अगस्त से लगातार आन्दोलनरत है लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार ने इस गतिरोध को दूर करने में कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया बल्कि उल्टे अभ्यर्थियों को बुरी तरह से पिटवाया जा रहा है।
बीटीसी प्रशिक्षुओं को हर सम्भव सहयोग
पूर्व मुख्यमंत्री श्री यादव ने अभ्यर्थियों के उत्पीड़न की आलोचना करते हुए कहा कि भाजपा राग-द्वेष से काम करती है। नौजवानों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना भाजपा का चरित्र है। समाजवादी पार्टी छात्रों-नौजवानों के हितों की लड़ाई हमेशा लड़ती रही है और आगे भी लड़ती रहेगी। अखिलेश यादव ने बीटीसी प्रशिक्षुओं को हर सम्भव सहयोग देने का आश्वासन दिया है।
अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा सरकार ने एक भी नौकरी नहीं दी और जो मांगने आया उसे बदले में लाठी मिली। भाजपा के काम करने का जो तरीका है उससे प्रदेश के नौजवान आक्रोशित हैं। वे पहले ही बेरोजगारी और आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं। भाजपा सरकार ने छात्रों-नौजवानों के सपनों को तोड़ा है। नौजवानों को रोजगार दिलाने में यह सरकार पूरी तरह विफल साबित हो रही है। सरकार ने जो बर्बर बर्ताव बीटीसी प्रशिक्षुओं के साथ किया है वह बेहद शर्मनाक है। समाजवादी पार्टी सरकार के इस रवैये की घोर निंदा करती है।