पब्लिक सेक्टर की कंपनी BSNL व MTNL दोनों ही इस समय गंभीर संकट से जूझ रहे हैं. पिछले दिनों समाचार यह आई थी कि हिंदुस्तान संचार निगम लिमिटेड यानी कि BSNL जल्द ही बंद हो सकती है. इसके बाद केंद्र सरकार ने इस पब्लिक सेक्टर की कंपनी को फिर से ट्रैक पर लाने का कोशिश करने में जुटी है. BSNL के पास इस समय अपने कर्मचारियों को सैलरी देने के लिए भी फंड की कमी है. जिसके कारण इन दोनों कंपनियों के बंद होने की अटकलें लगाई जा रही थी. इन अटकलों पर विराम लगाते हुए दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने लोकसभा में बताया कि वैसे MTNL को बंद करने का कोई प्रस्ताव नहीं रखा गया है साथ ही सरकार इन पब्लिक सेक्टर की कंपनियों को उबारने का कोशिश कर रही है.ये है सरकार का प्लान
केन्द्रीय दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि BSNL व MTNL को फिर से ट्रैक पर लाने के लिए IIM अहमदाबाद, डेलाइट की योगदान से उबारने या उसके पुनर्गठन की योजना पर कार्य किया जा रहा है. इन संस्थानों को सुझावों व उनके बोर्ड द्वारा पास किए प्लान के हिसाब से इन कंपनियों को इस परिस्तिथि से उबारने के लिए व्यापक प्लान तैयार किया जाएगा. इस समय कई टेलिकॉम कंपनियां घाटे में चल रही हैं. सरकार इन कंपनियों को आर्थिक तंगी से उबारने के लिए दूरसंचार विभाग (DoT) से सम्पर्क किया था.
टेलिकॉम सेक्टर में बढ़ा है कॉम्पीटिशन
सरकार का मानना है कि टेलिकॉम सेक्टर में बढ़ते कॉम्पीटिशन की वजह से यह दबाव के दौर से गुजर रहा है. देश की दो प्रमुख प्राइवेट टेलिकॉम कंपनियां Airtel व Vodafine Idea के औसत रिवेन्यू में भी कमी आई है. इसके अतिरिक्त पब्लिक सेक्टर की कंपनी MTNL का बाजार शेयर गिरा है लेकिन पिछले कुछ दिनों में BSNL के बाजार शेयर में बढ़त देखी गई है. आज भी देश के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में नेटवर्क देने के लिए सरकार BSNL का ही इस्तेमाल कर रही है. BSNL ने पिछले वर्ष ही ऑप्टिकल फाइबर सर्विस हिंदुस्तान फाइबर को भी लॉन्च किया गया है. इससे देश के गावों व शहरों को ब्रॉडबैंड सेवा से जोड़ा जाएगा.