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अयोध्या में अध्यात्म की आधारशिला

डॉ. दिलीप अग्निहोत्री

य़ह सन्योग है कि केंद्र में नरेंद्र मोदी सरकार ने आठ वर्ष पूरे किए .इसके कुछ घण्टों के बाद योगी आदित्यनाथ ने श्री राम मन्दिर के गर्भगृह में प्रथम आधारा शिला रखी. भोर से ही यहां धार्मिक उत्साह का माहौल था. गर्भगृह में रामार्चा, दुर्गा सप्तशती, रुद्राभिषेक, राम रक्षा स्त्रोत, विष्णु सहस्त्रनाम, हनुमान चालीसा और सुंदरकांड का पाठ चल रहा था। योगी आदित्यनाथ ने विधि विधान से शीला पूजन किया. इसके बाद आधार शिला रखी. पूज्य संतों की उपस्थिति में उन्होंने य़ह अनुष्ठान सम्पन्न किया. योगी आदित्यनाथ ने इसे अपना सौभाग्य बताया.

कहा कि आज पांच सौ वर्षों की तपस्या पूरी हुई है। राम मंदिर भारत की एकात्मता का प्रतीक बनेगा। भारत का राष्ट्र मंदिर बनेगा। वर्षों से भारत की आस्था जिस पवित्र कार्य के लिए तरस रही थी वह मर्यादा राम का भव्य मंदिर बनकर समस्त सनातन धर्मावलिम्बयों की आस्था का केन्द्र बनेगा।जिन आक्रान्ताओं ने अपने नापाक इरादों से हमारी आस्था पर प्रहार किया था अंतत:भारत की विजय हुई।

सत्यमेव जयते के नारे ने धर्मा रक्षित रक्षित: यतो: धर्मस्य ततो जय: ने एक बार फिर से अपनी सार्थकता को सिद्ध किया है। अयोध्या में पांच सौ वर्षों की जो हिन्दू जनमानस का संकल्प था वह बहुत शीघ्र पूरा होगा। य़ह भी सम्भवत ईश्वरी विधान है कि इस समय उत्तर प्रदेश में एक रामभक्त सन्यासी महंत का शासन है .

उनके द्वारा प्रथम आधार शीला को रखना दैवीय सन्योग है .योगी आदित्यनाथ ने श्री रामजन्म भूमि आंदोलन का स्मरण किया .इसके लिए पहली बैठक गोरख पीठ में हुई थी .योगी आदित्यनाथ ने कहा कि गोरक्षपीठ की तीन पीढ़ियां इस काम में लगीं। आज का दिवस हम सबको एक नई प्रेरणा देता है। हम सदैव सत्य व धर्म के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे तो हमें विजय से कोई रोक नहीं सकता। अयोध्या विश्व की सुन्दरतम नगरी बनेगी। आन्दोलन के बाद अब निर्माण कार्य से जुड़ना होगा. अयोध्या भव्य और दिव्य बनेगी . पांच सौ वर्षों तक अयोध्या उपेक्षित रही। जबकि विगत पांच वर्षों के दौरान प्राचीन गौरव के अनुरूप इस नगरी को महत्व मिला। विकास कार्यों का अभूतपूर्व अध्याय प्रारंभ हुआ। इसे विश्व स्तरीय पर्यटन स्थल के रूप में प्रतिष्ठित करने की कार्ययोजना क्रियान्वित हो रही है। योगी आदित्यनाथ अयोध्या के विकास के लिए कठिन परिश्रम कर रहे हैं।

भविष्य में अयोध्या वैश्विक पटल पर अपनी अलग पहचान लेकर उभरेगी। अयोध्या को अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के आधार पर विकसित किया जा रहा है। अयोध्या विश्व की सबसे बड़ी पर्यटन नगरी बनेगी। योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को हिंदुओं की आस्था के सबसे महत्वपूर्ण स्थल के रूप में विकसित करने का संकल्प लिया है। इक्ष्वाकुपुरी के रूप में सरयू के तट पर एक आध्यात्मिक सांस्कृतिक नगरी की स्थापना की जाएगी। इसे विकसित करने के लिए नुजूल,वन और उद्यान विभाग की भूमि उपयोग में लाई जाएगी। इस हरित नगरी में निर्मित क्षेत्रफल अधिकतम पांच प्रतिशत होगा। इक्ष्वाकुपुरी का विकास पूर्व एशियाई हिंदू वास्तुशैली और भारत की तीनों नागर, द्रविड़ और बेसर के मिश्रण से किया जाएगा। भवन निर्माण की अन्य प्राचीन शैलियों का भी प्रयोग होगा। विश्व के अनेक देशों के लोग अपने को श्री राम का वंशज मानते हैं।

उन्होंने अपनी शैली में श्री राम के प्रतीक स्थापित किया। उनका भी इसमें प्रयोग होगा। इस प्रकार इस नगरी से अनेक देशों के लोगों भावनात्मक लगाव बढ़ेगा। अयोध्या राज्य का इतिहास बहुत व्यापक और गौरवशाली रहा है। इस इतिहास की जानकारी प्रत्येक भारतीय को होनी चाहिए। योगी आदित्यनाथ ने इस ओर भी ध्यान दिया है। सरयू नदी के तट पर यह इतिहास भी उकेरा जाएगा। महाराज मनु, इक्ष्वाकु, मान्धाता, रघु, हरिश्चंद्र, दिलीप, भगीरथ, अज, दशरथ आदि का इतिहास लोगों को बताया जाएगा। इक्ष्वाकुपुरी के एक तरफ सरयू नदी के किनारे रिवर फ्रंट बनेगा। इस इतिहास से जुड़े ऐतिहासिक चित्र, लघु फिल्मों, डाक्यूमेंट्री, डिजिटल किताबों आदि का प्रदर्शन होगा।इस नगरी में आधुनिकता, वैज्ञानिकता और आध्यात्मिकता तीनों का समन्वय होगा। सौ से ज्यादा देशों में प्रभु राम को अपना वंशज मानने वाला समुदाय है। इन सभी की शैली व परम्परा के यहां दर्शन होंगे। इन सभी दृष्टियों से भव्य राम मंदिर, इक्ष्वाकुपुर, कुंभ नगरी का निर्माण होगा। अयोध्या के बाहरी क्षेत्र को आसपास शहरों व बड़े राजमार्गों से जोड़ने के लिए फोर लेन सड़कों, ओवरब्रिज, बाईपास, एयरपोर्ट आदि का निर्माण भी किया जाएगा।

गर्भगृह शिला पूजन || अयोध्या में अध्यात्म की आधारशिला

शास्त्रों में वर्णित दंडकारण्य, विंध्यारण्य, धर्मारण्य, वेदारण्य व गुरुकल, जलाशय, सरोवर, उपवन की भी स्थापना की जाएगी. अयोध्या मास्टर प्लान में सभी विकास परियोजनाओं को शामिल किया गया है। इसमें पुरातत्व महत्व के मंदिरों और परिसरों का जीर्णोद्धार व सौंदर्यीकरण शामिल है। बीस हजार करोड़ रुपए के इन प्रोजेक्ट में क्रूज पर्यटन परियोजना, राम की पैड़ी परियोजना, रामायण आध्यात्मिक वन, सरयू नदी आइकॉनिक ब्रिज, प्रतिष्ठित संरचना का विकास पर्यटन सर्किट का विकास, ब्रांडिंग अयोध्या, चौरासी कोसी परिक्रमा के भीतर दो सौ आठ विरासत परिसरों का जीर्णोद्धार, सरयू उत्तर किनारे का विकास आदि शामिल हैं। इसके साथ ही अयोध्या को आधुनिक स्मार्ट सिटी के तौर पर विकसित किया जा रहा है। सरकार ने सैकड़ों पर्यटकों के सुझाव के बाद एक विजन डॉक्यूमेंट भी तैयार किया है। अयोध्या के विकास की परिकल्पना एक आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन हब और एक स्थायी स्मार्ट सिटी के रूप में की जा रही है। कनेक्टिविटी में सुधार के प्रयास जारी है।

इनमें एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन के विस्तार, बस स्टेशन, सड़कों और राजमार्गों व ढांचा परियोजनाओं का निर्माण शामिल है। ग्रीनफील्ड टाउनशिप भी प्रस्तावित है। इसमें तीर्थ यात्रियों के ठहरने की सुविधा, आश्रमों के लिए जगह, मठ, होटल, विभिन्न राज्यों के भवन आदि शामिल हैं।अयोध्या में पर्यटक सुविधा केंद्र व विश्व स्तरीय संग्रहालय बेजोड़ होगा। सरयू के घाटों के आसपास बुनियादी ढांचा सुविधाओं का विकास हो रहा है। ग्रीनफील्ड सिटी योजना, मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा, सरयू तट पट विकास, पैंसठ किमी लंबी रिंग रोड, पर्यटन केंद्र, पंचकोसी परिक्रमा मार्ग विकास आदि से अयोध्या की तस्वीर बदल जाएगी। अयोध्या को स्मार्ट व विश्व स्तरीय नगर बनाने का कार्य प्रगति पर है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या आने वाले समय में वैश्विक मानचित्र में एक नया स्थान बनाने जा रहा है। अयोध्या विश्वस्तरीय पर्यटन केन्द्र के साथ साथ शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का भी एक बड़ा केन्द्र बनाया जाएगा। अयोध्या के आस-पास संचालित लगभग दो हजार करोड़ रुपए की परियोजनाओं कार्य चल रहा है।

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