योगी सरकार की दूसरी पारी में नया वित्त मंत्री कौन बनेगा, अभी तय नहीं है लेकिन नई सरकार के पहले बजट की तैयारी में जुटा वित्त महकमा भाजपा के ‘लोक कल्याण संकल्प पत्र’ की कार्ययोजना पर माथापच्ची में जुट गया है।
सरकार बनते ही नए बजट से जुड़ी तैयारियों में तेजी आनी है जिसका पेपर वर्क तेजी से जारी है। भाजपा ने दोबारा सत्ता में आने के लिए जो चुनावी वादे किए हैं, उनमें फंड बनाकर जिन कार्यक्रमों व योजनाओं को शुरू करना है, सिर्फ उनके लिए ही 57 हजार करोड़ रुपये से अधिक का बजट चाहिए।
बजट में फंड के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था के बाद ही इससे जुड़ी योजनाओं का आगे पांच वर्ष तक क्रियान्वयन हो सकेगा। पिछले कार्यकाल में भी ऐसे कई फंड बनाने का वादा हुआ था।
ऐसे में एक्सप्रेसवे, मेट्रो, डिफेंस कॉरिडोर सहित पूर्व से शुरू सभी महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट व पुरानी योजनाएं जारी रहनी हैं। दूसरा, कोविड महामारी के दबाव से अर्थव्यवस्था पूरी तरह से उबर नहीं पाई है। अब भी जीएसटी कलेक्शन में उतार-चढ़ाव है।
एक साथ सभी फंड के लिए बजट बंदोबस्त की जगह, प्राथमिकता तय कर चरणबद्ध तरीके से आने वाले बजट में गठन का विकल्प आजमाना पड़ सकता है।