उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हुए विरोध प्रदर्शन में प्रदेश सरकार उपद्रवियों की संपत्ति जब्त कर रही है। लेकिन प्रदेश सरकार संपत्ति जब्त करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का पालन नहीं कर रही है। ऐसा कहा गया है कोर्ट में दाखिल की गई एक याचिका में, जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने यूपी सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।
दाखिल की गई याचिका में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश में ये कार्रवाई करने का अधिकार योगी सरकार ने अतिरिक्त जिला पदाधिकारी के रैंक वाले अधिकारी को दे दिया। याचिका में ये भी कहा गया कि यूपी में अपनाई गई प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट में निर्णय के खिलाफ है।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन्स के हिसाब से ऐसे मामलों में रिटायर्ड जज को सक्षम पदाधिकारी बनाकर इसे संबंधित प्रक्रिया को शुरू किया जा सकता है। ऐसे मामलों में संबंधित अधिकारी नुकसान की गई संपत्ति का मूल्यांकन करता है। उसके बाद ही किसी तरह का एक्शन लिया जाता है।
ज्ञात हो कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिसंबर 2019 में यूपी के कई जिलों में हिंसा और आगजनी हुई थी। जिसमे सार्वजनिक संपत्तियों का काफी नुकसान हुए था। घटना के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद यूपी पुलिस ने आरोपियों से वसूली कर दी।