दिल्ली हाई कोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड आफ सेकंडरी एजुकेशन (सीबीएसई) की मार्किंग स्कीम के खिलाफ मामले में जल्द सुनवाई की इजाजत दी है। इस मामले की सुनवाई अब 9 जुलाई को होगी। जस्टिस डीएन पाटिल और जस्टिस ज्योति सिंह की बेंच ने जस्टिस फॉर आल की तरफ से दायर इस पेटिशन पर जल्द सुनवाई का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि पेटिशनर ने सीबीएसई की दसवीं बोर्ड एग्जाम में मूल्यांकन योजना पर सवाल उठाए हैं। पेटिशनर का कहना है कि जिस तरह से छात्रों को स्कूल के बैकग्राउंड के आधार पर नंबर देने की योजना बनाई गई है, इससे बड़ा संवैधानिक संकट खड़ा हो रहा है। उनके मुताबिक इस आधार पर तो दलित और स्लम बस्तियों में रहने वाले छात्र अच्छे नंबरों से वंचित रह जाएंगे।
इसके पीछे बड़ी वजह यह है कि एलीट क्लास के बच्चे इन एरियाज में रहने वाले बच्चों से हमेशा ही ज्यादा नंबर पाते रहे हैं। इस तरह से इस एरिया के बच्चों के संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा। एप्लीकेशन में यह भी कहा गया है कि वर्तमान पैटर्न ऐसा है कि छात्र कभी नहीं जान पाएगा कि उसके नंबर कम क्यों हैं। वजह, इस मामले में कहीं भी छात्रों की सुनवाई नहीं होती है। ऐसे में अगर किसी भी तरीके से इन छात्रों के नंबर कम हो गए तो फिर उसके लिए हमेशा की समस्या बन जाएगा।