कोरोना ने दुनियाभर में कोहराम मचा रखा है। भारत भी कोरोना के खतरे से जूझ रहा है। लोगों को घर में रहने की सलाह दी जा रही है। वहीं कोरोना के खौफ के बीच कल से नवरात्रि शुरु हो रहे हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में आदिशक्ति मां जगदंबा के अलग अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि में नौ दिनों का पूजा अनुष्ठान कलश स्थापना से शुरू होता है, वहीं दशमीं तिथि को मां के श्री विग्रह के विसर्जन के साथ पूर्ण होता है।
नवरात्रि का पूजा विधान
- सूर्योदय से पहले स्नान करें।
- व्रत संकल्प लेकर उपासना करें।
- लाल या पीले वस्त्र पहन कर पूजा करें।
- उत्तर पूर्व दिशा में मां की चौकी स्थापित करें।
- चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर मां के श्री विग्रह की स्थापना करें।
- चौकी पर गणपति,नवग्रह,भैरवजी औरसोलह मात्रिकाओं की स्थापना करें।
- चौकी के बायीं ओर कलश की स्थापना करें।
- चौकी के दायीं ओर अखण्ड ज्योति प्रज्वलित करें।
- सर्वप्रथम मंगलमूर्ति गणेश नवग्रह भैरवजी और षोडश मात्रिकाओं का पंचोपचार विधि से पूजन करें।
- अखण्ड ज्योति का पूजन करें।
- नवरात्रि के सभी दिन मां दुर्गा का षोडशोपचार विधि से पूजन करें।
- दुर्गा सप्तशती,सिद्धकुंजिका स्त्रोत,बत्तीसनामावली आदि का पाठ करें।
- नवार्ण मंत्र ”ऊँ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे” का जाप करें।
- नवरात्रि में हरदिन नवार्ण मंत्र से हवन करें।
नवरात्रि में मां भगवती की सविधि उपासना से साधक को दिव्य कृपा मिलती है। साधक दैहिक दैविक और भौतिक सभी संकटों से मुक्त हो जाता है। साथ ही सभी सुखों का भोग करता हुआ मां के परमधाम मणिद्वीप में स्थान प्राप्त कर लेता है।
साल में दो बार शारदीय नवरात्रि और चैत्र नवरात्रि का व्रत रखते हैं। चैत्र नवरात्र हर वर्ष चैत्र शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होते हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि 24 मार्च दोपहर 2:57 बजे से शुरु हो रहे हैं। चैत्र नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि 24 मार्च दोपहर 2:57 बजे से शुरु होकर 25 मार्च दोपहर 5:26 बजे तक रहेगी। इस बार चैत्र नवरात्रि के व्रत में किसी भी तिथि का क्षय नहीं है। भक्त पूरे नौ दिनों तक मां की पूजा अर्चना और व्रत कर पाएंगे।