लखनऊ मेडिकल कॉलेज सहित अस्पतालों में सेवा कार्य करने वाली अग्रणी संस्था हरिओम सेवा केंद्र के संस्थापक रहे चंद्र किशोर रस्तोगी की श्रद्धांजलि सभा के लालबाग स्थित आयोजन हरिओम मंदिर में किया गया जिसमें नि महापौर संयुक्ता भाटिया सहित हरि ॐ सेवा केन्द्र व अन्य समाज सेवा से जुड़े समाजसेवियों ने उनको श्रद्धांजलि अर्पित की।
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इस मौके पर उनके भाई और सुप्रसिद्ध कलाकार अनिल रस्तोगी ने बताया कि स्वर्गीय चंद्र किशोर रस्तोगी 90 वर्षीय के थे और बीमारी के चलते 31 जनवरी को उनका निधन हो गया था। चंद्र किशोर रस्तोगी श्रीराम मंदिर आंदोलन के समय कैंट के पूर्व विधायक और नि० महापौर संयुक्ता भाटिया के पति स्वर्गीय सतीश भाटिया के साथ जेल में राम भक्त कारसेवकों संग संपर्क में आने और प्रेरित होने के बाद वह विश्व हिन्दू परिषद से जुड़ गए थे।
तत्पश्चात उन्होंने सेवा का वृत लेकर लखनऊ मेडिकल कॉलेज (केजीएमयू) में मरीजों की देखभाल हेतु हरिओम सेवा केंद्र और सीता रसोई की नींव रखी। जो लखनऊ मेडिकल कॉलेज और अन्य अस्पतालों में मरीजों और उनके तीमारदारों की सभी प्रकार की सेवाओं के साथ ही जरूरतमंदों को निशुल्क भोजन भी प्रदान करती है।
इस मौके पर नि० महापौर संयुक्ता भाटिया ने कहा की चंद्र किशोर रस्तोगी जी लखनऊ में सेवा कार्यों के पर्याय थे। वह लखनऊ मेडिकल कॉलेज सहित अन्य अस्पतालों में मरीजों और उनके तीमारदारों के लिए एक आशा की किरण थे। श्रीमती भाटिया ने कहा कि वास्तव में स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़ा शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति हो जो चंद्र किशोर रस्तोगी जी को न जानता है। जाते जाते वह नेत्र दान कर दो अंधेरी जिंदगियों को रोशनी दे गए। संयुक्ता भाटिया ने बताया कि मेरा उनसे संपर्क 25 वर्ष पूर्व जब वह राम जन्मभूमि आंदोलन के नाते मेरे पति स्व सतीश भाटिया जी के साथ जेल में थे और मैं भोजन सामग्री लेकर जाया करती थी और वहीं पर मेरा परिचय बाबू जी (चन्द्र किशोर रस्तोगी जी) से हुआ था, मुझे वह बिटिया कहकर संबोधित करते थे और बेटी की तरह स्नेह करते थे।
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नि. महापौर ने कहा कि उनके समर्पित भाव से सेवा कार्य के नाते से सभी लोग उन्हें बाबूजी कहकर संबोधित करते थे। वह विगत 25 वर्षो से हरी ओम सेवा केंद्र के माध्यम से जरूरतमंदों, लवारिश मरीजों को इंजेक्शन, दवाएं, रक्त, कपड़े आदि व सीता रसोई के माध्यम से निःशुल्क भोजन उपलब्ध करा कर सेवा कार्य कर रहे थे। इसके साथ ही रैन बसेरों की व्यवस्था के साथ ही अस्पताल में यदि किसी असमर्थ मरीज की मृत्यु हो जाती थी तो उसके शव को गाँव तक पहुँचाने का पुण्य कार्य यह संस्था करती आ रही है।
संयुक्ता भाटिया ने आगे कहा कि ऐसे पुण्यता को नमन करते हुए मैं सभी से आग्रह करती हूं कि उनसे प्रेरणा लेते हुए उनके सेवा कार्यों को आगे बढ़ाए और उनके सेवा कार्य ऐसे ही आगे बढ़ता रहे यही हम सब की ओर से उनके लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी। इस अवसर पर नि० महापौर संयुक्ता भाटिया के साथ स्वर्गीय चन्द्र किशोर रस्तोगी के भाई अनिल रस्तोगी, वरिष्ठ समाजसेवी हरी जीवन रस्तोगी, सेंट जोसफ कॉलेज की संस्थापिका पुष्पलता अग्रवाल, दुर्गा मंदिर समिति के संस्थापक ताराचंद, परिवारीजन सहित बड़ी संख्या में समाजसेवी, व्यापारी व अन्य जन मौजूद रहे।