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चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…जनता जनार्दन जब तलक न चाही, तब तलक कोरोउना देस ते न जाई

नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

चतुरी चाचा बोले- लोग कोरोउना महाब्याधि का लैके सरकार कहियां गरियावत हयँ। मुला, खुद का नाइ द्याखत हयँ। लॉकडाउन खुलतय खन जनता ‘पाँखी’ केरी तना भरभराय क निकर परी हय। न कोऊ मुंह पय मास्क लगाय रहा। न कोऊ दुई गज केरी दूरी रखि रहा। शादी-ब्याह, मन्दिर-मस्जिद, हाट-बाजार सब कहूँ लोगन केरी रेलमपेल हय। तमाम अनपढ़ जाहिलन का छोड़व, पढ़े-लिखे जाहिल कोरोउना क्यार टीका नाइ लगवाय रहे। युहु सब तब होय रहा हय। जब कोराउना कय दुसरी लहर अबहिंयु चलि रही हय।

तीसरी लहर आवय केरी आशंका हय। आखिर जनता चाहत का हय? आज चतुरी चाचा अपने प्रपंच चबूतरे पर काफी पहले ही विराजमान हो गए थे। तीन-चार अख़बार पढ़ने के बाद मुझे हांक लगाई। रिपोर्टर ओ रिपोर्टर, आओ भाई। मैं भी अच्छे पड़ोसी के नाते तुरन्त प्रपंच चबूतरे पर पहुंच गया। मेरे पीछे से ककुवा व बड़के दद्दा की जोड़ी आ गई। हम सबकी आपस में रामजोहार हो रही थी। तभी कासिम चचा व मुन्शीजी भी पधार गए। चतुरी चाचा ने जनता द्वारा कोरोना नियमों को न मानने के मुद्दे से प्रपंच की शुरुआत की।

ककुवा ने चतुरी चाचा की बात को आगे बढ़ाते हुए कहा- जनता जनार्दन जब तलक न चाही, तब तलक कोरोउना देस ते न जाई। सरकार मास्क अउ दुई गज दूरी वाली बाति कब तलक समझाई?कोरोना नियमन का मनवावे खातिर जुर्माना तलक लगाइन। कोरोउना केरी दुई लहरन मा केतना मनई मरि गवा। केतना मनई अबहिंयु बिन मौतु मरत जाय रहा। यहिके बादिव लोग बिन मास्क केरे बाहर घुमि रहे। लोग भीड़ क हिस्सा बनि रहे। हम तौ कहित थय कि सरकार कुछौ कय डारय। ई सब बिना तिसरकी लहर बुलाय मनिहैं ना। भइय्या “लातन देवता कबहुँ बातन माने” जौ आजु मानि जइहैं। ई सब लाठिन के भूखे हयँ।

चतुरी चाचा

मुन्शीजी ने विषय परिवर्तन करते हुए कहा- इस बार मानसून जल्दी आ गया है। बारिश ठीकठाक हो रही है। ऐसे में बहुत लोगों के खेतों में धान की रोपाई हो रही है। हमारे गांव में तो किसी की धान की नर्सरी ही नहीं तैयार है। हम लोगों ने ‘बेढ़’ देर से बोई थी। हम लोग परसों फर्रुखाबाद वाया हरदोई गए थे। हमने दो सौ किमी के रास्ते में बहुत जगह धान की रोपाई होते देखा था। कई स्थानों पर देखा कि धान की रोपाई के लिए खेत भी तैयार हैं। साथ ही, धान की ‘बेरन’ भी बिल्कुल तैयार है। बस, वो लोग झमाझम बारिश का इंतजार कर रहे हैं। देखा जाए तो धान की फसल ‘इंद्रदेव’ की कृपा से होती है। सामान्य किसान बिजली या डीजल खर्च करके धान की खेती कहाँ कर पाएगा? डीजल और बिजली के दाम आये दिन बढ़ते ही जा रहे हैं। इस वजह से किराये का पानी भी बड़ा महंगा हो गया है। इसी बीच चंदू बिटिया गुनगुना नींबू पानी, तुलसी-अदरक की कड़क चाय लेकर आ गई। आज कुल्हड़ वाली चाय के साथ कटहल की पकौड़ियाँ भी थीं। जलपान के बाद एक बार फिर प्रपंच शुरू हुआ।

कासिम चचा ने राजनीतिक चर्चा करते हुए कहा- आजकल भाजपा में बड़ी उठापटक मची है। सबसे ज्यादा गहमागहमी यूपी में है। एक तरफ पुराने कार्यकर्ता और गठबन्धन के साथी बगावत पर उतारू हैं। दूसरी तरफ विरोधी दलों के नेताओं की भाजपा में भर्ती की जा रही है। पश्चिम बंगाल की तरह उत्तर प्रदेश में भी विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा ने भर्ती अभियान शुरू किया है। इधर, मोदी साहब का जादू भी कमजोर पड़ने लगा है। कोरोना जनित महंगाई, बेरोजगारी और नए कृषि कानून के कारण जनता का भाजपा से मोह भंग होने लगा है। बहरहाल, कुछ महीनों बाद उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में भाजपा का भविष्य तय हो जाएगा। अभी कांग्रेस भले ही कमजोर दिख रही है। लेकिन, क्षेत्रीय दलों के गठबंधन से भाजपा को शिकस्त मिल सकती है। इसी बात को लेकर भाजपा भयभीत है।

चतुरी चाचा

बड़के दद्दा ने कासिम चचा की बात काटते हुए कहा- चचा, तुम जाने किस लोक में रहते हो? अभी न मोदी जी का आकर्षण कम हुआ है, और न ही भाजपा भयभीत है। जनता अपना हित खूब समझती है। कोरोना की जंग में मोदी जी की छवि और अधिक निखर रही है। यूपी की योगी सरकार का टी-3 फार्मूला कोरोना को परास्त करने में रामबाण साबित हुआ है। भाजपा सबसे बड़ी राष्ट्रीय पार्टी है। इसलिए अन्य दलों के समझदार नेता भाजपा ज्वाइन करते जा रहे हैं। बाकी कहीं लिख लो। यूपी का चुनाव योगी जी की अगुवाई में ही होगा। अफवाहों पर ध्यान न दो। इस तरह तो ‘भाई लोग’ यूपी को विभाजित भी किये दे रहे हैं। मैं न भाजपा का कार्यकर्ता हूँ न ही समर्थक। परन्तु, भाजपा अच्छा कर रही है, तो कह रहा हूँ।

अंत में चतुरी चाचा ने कश्मीर के सोपोर में शनिवार को हुई आतंकवादी घटना पर दुःख जताते हुए मुझसे कोरोना अपडेट देने को कहा। मैंने सबको बताया कि बहरहाल, लॉकडाउन के चलते कोरोना की रफ्तार धीमी हुई है। वहीं, कोरोना टीकाकरण की रफ्तार तेज हो गई है। विश्व में अबतक 17 करोड़ 33 लाख लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं। इनमें 37 लाख 45 हजार लोगों की मौत हो चुकी है। इसी तरह भारत में अबतक दो करोड़ 93 लाख से ज्यादा लोग कोरोना की गिरफ्त में आ चुके हैं। इनमें तीन लाख 67 हजार लोग बैमौत मारे जा चुके हैं। महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, छत्तीसगढ़ व राजस्थान आदि राज्य कोरोना की टॉप टेन लिस्ट में हैं। इसी के साथ आज का प्रपंच समाप्त हो गया। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही लेकर फिर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!

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