प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) 2022 बैच के उन 181 प्रशिक्षुओं से मिले जिन्हें विभिन्न मंत्रालयों और विभागों में सहायक सचिव के तौर पर शामिल किया गया है। इस मौके पर उन्होंने कहा कि नए भारत को सुस्त रवैया पसंद नहीं है।
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इसलिए अधिकारियों को उत्प्रेरक एजेंट के तौर पर काम करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्र प्रथम सिर्फ नारा नहीं है, बल्कि जीवन का लक्ष्य है। उन्होंने इसे सफल बनाने में साथ देने का आह्वान भी किया।
पीएम के साथ इस बातचीत के दौरान विभिन्न अधिकारियों ने अपने प्रशिक्षण के अनुभव साझा किए। वहीं, प्रधानमंत्री ने 2022 में आरंभिक पाठ्यक्रम के दौरान उनके साथ पिछली बातचीत को याद किया। सहायक सचिव पाठ्यक्रम के बारे में चर्चा करते हुए, उन्होंने कहा कि इसके पीछे का उद्देश्य प्रशासनिक पिरामिड के शीर्ष से नीचे तक युवा अधिकारियों को अनुभव के आधार पर सीखने का अवसर प्रदान करना है।
उन्होंने यह भी कहा कि आईएएस के रूप में चयन के बाद उन्हें जो सराहना मिली थी, वह अब अतीत की बात हो गई है और अतीत में रहने के बजाय उन्हें भविष्य की ओर बढ़ना चाहिए। जब वे अपनी आंखों के सामने बदलाव होते देखेंगे तो उन्हें संतुष्टि महसूस होगी। साथ ही कहा कि अब यह उनकी पसंद है कि वे सेवा वितरण में स्पीड ब्रेकर बनना चाहते हैं या सुपरफास्ट हाईवे।
संपूर्णता का दृष्टिकोण अपनाएं
उन्हें सभी नागरिकों को सर्वोत्तम संभव शासन, विनिर्माण की गुणवत्ता और जीवन की गुणवत्ता प्रदान करने का प्रयास करना चाहिए। लखपति दीदी, ड्रोन दीदी, पीएम आवास योजना आदि योजनाओं के बारे में बात करते हुए पीएम ने कहा कि इन सभी को इन योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिए संपूर्णता के दृष्टिकोण के साथ काम करना चाहिए। संपूर्णता का दृष्टिकोण सामाजिक न्याय सुनिश्चित करता है और भेदभाव को रोकता है।