Breaking News

चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे से…इ कलयुग मा हमरी नाव क खेवनहार रामय हयं

  नागेन्द्र बहादुर सिंह चौहान

चतुरी चाचा ने दीपावली पर्व, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक माला में पिरोते हुए कहा- अजोदध्यम राजा रामचन्द्र कय राजतिलक होय गवा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का मानि गयेन भइय्या। उई फिरि अजोदध्या क अजोदध्या बनायेक माने। बाबा अजोदध्यम हर साल त्रेता युग वाली दिवाली मनावत हयँ। दुई हजार सत्रह मा पहली दफा इक्यावन हजार दीया जलवाइन रहयँ। ई साल तौ बारा लाख दियन क विश्व रिकाडु बनिगा। लोग तीन नवम्बर केरी जगमग संझा बहुत दिनन तलक यादि राखिहैं। बताव, नौ लाख दीया तौ सरजू मैया क घाटय प टिमटिमायँ रहे रहयं। योगी बाबा प रामजी कय बड़ी किरपा हय। जौ उनके हाथन ते युहु सब होय रहा। यूह तुम जानि लेव कि मोदी-योगी केरे राज मा रामलला कय मन्दिरु बना जाय रहा। वरना, अबहीं सैकड़न साल मन्दिर विवाद चलत। देस मा खून-खराबा होत। अब बस यूपी म कौनिव तिना राम-राज्य केर सपना साकार होय जाय।

चतुरी चाचा आज बड़े मगन थे। पुरई उनके लिए हुक्के की चिलम भर रहा था। कासिम चचा व मुंशीजी चबूतरे पर विराजमान थे। दिवाली में रंग-रोगन हो जाने से चबूतरे की शोभा बढ़ गई थी। गांव के बच्चे चबूतरे से थोड़ी दूर पर ‘घर-घरौंदा’ खेल रहे थे। मौसम बड़ा खुशगवार था। मेरे पीछे से ककुवा व बड़के दद्दा की जोड़ी भी चबूतरे पर पधार गई। चतुरी चाचा ने हुक्का गुड़गुड़ाने के बाद बतकही शुरू की। उन्होंने दिवाली से राजा रामचन्द्र और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जोड़ते हुए बताया कि योगी ने अयोध्या का खोया हुआ गौरव लौटा दिया है। आज पूरे विश्व में अयोध्या की दिवाली चर्चित है। छोटी दिवाली के दिन श्रीराम की नगरी किसी स्वर्ग से कम नहीं लगती है। त्रेतायुग में जैसे रामजी पुष्पक विमान से अयोध्या में उतरे थे। उनके स्वागत में पूरी अयोध्या जगमग हुई थी। ठीक उसी तरह अब हेलीकॉप्टर से कलाकार राम, सीता, लक्ष्मण व हनुमान आदि के रूप में उतरते हैं। मुख्यमंत्री उन सभी का भव्य स्वागत करते हैं। योगी महाराज रामजी का राजतिलक भी करते हैं।

ककुवा ने चतुरी चाचा की बात को बल देते हुए कहा- इ कलयुग मा हमरी नाव क खेवनहार रामय हयँ। सब जने भगवान राम का साधि लेव बस। कहते हयँ न…एकय साधे सब सधे-सब साधे सब जाय। खाली रामजी की पूजा-अर्चना ते कामु न चलि। हम पँचन का रामचन्द्र केरे जीवन ते सीख लेक चाही। तबहीं हमार अउ सगरे समाज का कल्यान होई। रामजी हमका जीवन जियय क्यारु महामंत्र दैगे हयँ। प्रभु राम ने पुत्र, भाई, पति, पिता, शिष्य, मित्र अउ राजा का आदर्श रूप जीया था। राम सर्व समाज का एकजुट किहिन रहय। राम केरे पथ पय चलिके वसुधैव कुटुम्बकम केरी भावना साकार होय सकत हय। हम सबका अपने बच्चन का राम चरित मानस जरूर पढ़ावे चाही। रामजी का जात-धरम मा न बांधय जाय। राम सबके हयँ। यह बाति सब जनेका अपने मानस मा बैठाय लेय का चाही। रामजी भारत मा जन्मे हर हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध अउ जैन केरे पुरिखा आयँ। राजाराम का मान सबका करय का चाही।

कासिम चचा बोले- इसमें कोई दो राय नहीं है कि राम सबके हैं। राम जैसा बेटा हर किसी को चाहिए। राम जैसे शिष्य की हर गुरु को जरूरत है। राम जैसा प्रजापालक राजा हर देश को चाहिए। मर्यादा पुरुषोत्तम राम के प्रति लोगों में गहरी आस्था है। राम ने अपने जीवनकाल में कभी कहीं भगवान के रूप में खुद को प्रदर्शित नहीं किया। वह एक सामान्य पुरुष की तरह पुरुषार्थ करते रहे। उन्होंने अपने को मर्यादा में बांध कर समूचे विश्व का कल्याण किया था। राम ने दलितों, पिछड़ों एवं वनवासियों को एकजुट करके रावण जैसे आततायी का सर्वनाश किया था। उनके जीवन से पूरा संसार कुछ न कुछ सीख सकता है। राम की अपनी अलग गरिमा है। परन्तु, इधर कुछ वर्षों से रामजी के नाम पर राजनीति की जा रही है। यह बेहद पीड़ादायक है। राम ने सम्पूर्ण समाज को एक सूत्र में बांधा था, किन्तु राजनीतिज्ञ सत्ता के खातिर राम के नाम पर समाज को विभाजित कर रहे हैं। इससे रामजी का विराट स्वरूप भी संकुचित हो रहा है।

बड़के दद्दा इस पर बोले- कासिम चचा सही कह रहे हैं। आज सपा, कांग्रेस, बसपा, आप जैसी रामद्रोही राजनैतिक पार्टियों को राम याद आ गए। इन पार्टियों के नेता अयोध्या आने-जाने लगे हैं। ये लोग वोट के लिए अपने कार्यक्रमों में रामजी की चर्चा करने लगे हैं। लेकिन, आम जनमानस सब जानता है। रामचन्द्र और अयोध्या की खोई प्रतिष्ठा आरएसएस, भाजपा, विश्व हिंदू परिषद व उसके अन्य आनुषंगिक संगठन ने वापस दिलाई है। आज इन्हीं की बदौलत रामलला 28 साल बाद त्रिपाल से बाहर निकल पाए हैं। रामलला का दिव्य मन्दिर बड़ी तेजी से बन रहा है। भाजपा राम का काज कर रही है। वहीं, अन्य विपक्षी पार्टियां राम के नाम पर राजनीति कर रही हैं। इससे राम का विराट स्वरूप खंडित नहीं हो रहा है, बल्कि इन राजनैतिक दलों का भारी नुकसान हो रहा है। यूपी के विधानसभा चुनाव में अपनी नैया पार लगाने के लिए विपक्षी पार्टियां राम नाम जपने लगी हैं। परन्तु, मतदाताओं ने सत्ता की चाबी भाजपा को दे रखी है।
इसी बीच चतुरी चाचा ने प्रपंचियों को बताया कि आज चाय की कोई व्यवस्था नहीं है। क्योंकि, मेरी बहुरिया भाई दूज पर अपने मायके गई है। चंदू बिटिया भी अपनी मम्मी के साथ ननिहाल गई है। बहरहाल, वह तुम सबके लिए चूरा-भुरकी व गट्टा रख गयी है। उन्होंने पुरई से पूरा डलवा ही मंगवा लिया। हम सबने चूरा-भुरकी व गट्टे से जलपान किया। छोटे से ब्रेक के बाद बतकही पुनः चालू हो गई।

मुंशीजी ने दिवाली पर्व की चर्चा करते हुए कहा- गांव में इस साल भी खूब दारू पी गई। जमघट के दिन तो मांस-मदिरा का ही बोलबाला रहा। महंगाई का रोना सब लोग रोते थे। परन्तु, तीन दिन से हजारों रुपये के पटाखे फोड़ चुके हैं। धनतेरस से ही कई जगह जुआ के फड़ बिछे हैं। कल भइय्या दूज के दिन भी कई स्थानों पर जुआ खेला जा रहा था। जुआ और दारू ने दिवाली जैसे पावन पर्व को बदरंग कर रखा है। दीपावली से शराब और जुआ को हरहाल में दूर करना होगा। इसके अलावा युवा पीढ़ी को दिवाली की परंपराओं से जोड़ना होगा। आज का युवा बलईया निकालने में दिलचस्पी नहीं रखता है। खेत और घूर जगाने में भी आनाकानी करता है। जबकि इन परंपराओं का आज भी बड़ा महत्व है। दिवाली की सामूहिक स्वच्छता और खेती-बाड़ी में अहम भूमिका है। दिवाली किसानों को प्रगति के पथ पर अग्रसर रहने की ऊर्जा देती है।

मैंने प्रपंचियों को कोरोना का अपडेट देते हुए बताया कि विश्व में अबतक 24 करोड़ साढ़े 98 लाख लोग कोरोना से पीड़ित हो चुके हैं। इनमें 50 लाख 53 हजार से अधिक लोगों को बचाया नहीं जा सका है। इसी तरह भारत में अबतक करीब तीन करोड़ 44 लाख लोग कोरोना की जद में आ चुके हैं। इनमें चार लाख 60 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई। भारत में मुफ्त कोरोना टीका लगाने का अभियान चल रहा है। देश में अबतक तकरीबन 108 करोड़ टीके लगाए जा चुके हैं। बच्चों के लिए भी कोरोना वैक्सीन आने वाली है। विश्व के कई देशों में एक बार फिर कोरोना बदले स्वरूप में कहर ढा रहा है। कुछ देशों को फिर लॉकडाउन का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में हम लोगों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। हमें मॉस्क और दो गज की दूरी का पालन करना ही चाहिए। मैं अगले रविवार को चतुरी चाचा के प्रपंच चबूतरे पर होने वाली बेबाक बतकही लेकर फिर हाजिर रहूँगा। तबतक के लिए पँचव राम-राम!

About Samar Saleel

Check Also

क्या हो अगर चोट-घाव से बंद ही न हो ब्लीडिंग? जानलेवा हो सकती है हीमोफीलिया की समस्या

शरीर में चोट लगने, कहीं कट जाने पर खून निकलता है, हालांकि कुछ ही समय ...