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अयोध्या में चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग 18 माह में हो जाएगी तैयार, मार्ग के किनारे बसे लोगों में मची खलबली

अयोध्या। चौरासी कोसी परिक्रमा पथ राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित होने के एक उच्चमाह बाद अब बनने की जद मे आ गया है। एनएचआई की कार्यदाई संस्था ने सर्वे कार्य लगभग समाप्त हो गया है। गोसाईगंज विधान सभा से सटी रामगंज बाजार और आसपास जब टीम नाप-जोख करने पहुंची तो लोगों में हलचल मच गई। फोरलेन में प्रस्तावित परिक्रमा मार्ग के मध्य से दोनों तरफ 75 फीट लिया जा रहा है। इस नव निर्मित होने वाले मार्ग के किनारे एक दो कमरे में रहकर गुजर-बसर करने वाले लोगो तथा दुकानदारों की धुकधुकी बढ़ गयी है। यह लोग चौड़ीकरण की मुसीबत को लेकर चिंतित हो गए हैं।

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84 कोसी परिक्रमा की शुरुआत मखौड़ा बस्ती से होती हैं जो अयोध्या, अंबेडकरनगर, बाराबंकी व गोंडा जिले के मध्य 275 किलोमीटर लंबे रास्ते से गुजरती है। बस्ती के मखौड़ा धाम से शुरू होने वाले परिक्रमा पथ पर गोसाईगंज क्षेत्र में पुत्रेष्ठि यज्ञ स्थल, श्रृंगी ऋषि आश्रम, महादेवा घाट जैसे कई पावन स्थल पड़ते हैं। इस मार्ग के निर्माण से इन सभी स्थलों की महत्ता तो बढ़ेगी ही विकास के नए आयाम भी खुलेंगे। बाहर से आने वाले यात्रियों को परिक्रमा पर यात्रा में सुखद अनुभूति होगी।

अयोध्या में चौरासी कोसी परिक्रमा मार्ग 18 माह में हो जाएगी तैयार, मार्ग के किनारे बसे लोगों में मची खलबली

5 सर्वेयर व 10 असिस्टेंट इंजीनियर कर रहे पैमाइश
बताया गया कि फोरलेन सड़क निर्माण की जिम्मेदारी दिल्ली की एस्कान इंडिया को मिला है जिसने मार्ग के सर्वे के लिए पांच सर्वेयर के साथ दस असिस्टेंट लगाए हैं। कंपनी के सर्वेयर रूपेश कुमार ने बताया कि नाप-जोख के लिए उनके असिस्टेंट के रूप में सुराज, विवेक कुमार, सर्वेयर बृजमोहन, ऋषि कांत, राम गिरिराज, शंशाक, सत्यवीर, रघुवीर धर्मेंद्र कुमार राजीव, सौरभ, प्रदीप विक्की सहित एक अन्य सर्वे कार्य को अंजाम दे रहे हैं। मखौड़ा धाम से शुरू हुई नाप-जोख की कार्यवाई अब एक माह बाद यहां पहुंची है।

नाप-जोख करने वाली यह टीम मार्ग की ऊंचाई, गहराई के अलावा विद्युत पोलों, पेड़ों, मकानों, हैंडपंपों आदि की मानिटरिंग कर रही है। उन्होंने बताया कि चौड़ीकरण में मध्य गोले से दोनों तरफ 75-75 फिट सड़क निर्माण होगा। बाईपास कहां-कहां बनेगा, इसका निर्धारण बाद में होगा।

कब से शुरू होती है परिक्रमा?

परिक्रमा संचालक अध्यक्ष महंत गयादास ने बताया कि 84 कोसी परिक्रमा वैशाख कृष्ण प्रतिपदा से बस्ती के परशुरामपुर थाना क्षेत्र के रजवापुर मंदिर से शुरू होता है। मखभूमि के मखौड़ा से शुरू होने वाली परिक्रमा का पहला पड़ाव रामरेखा आश्रम,दूसरा थाना दुबौलिया में हनुमत बाग, तीसरा श्रृंगी ऋषि आश्रम, चौथा तमसा घाट गोसाईगंज, 5वां आगागंज टिकरी, छंठवा रामपुर भगन, 7वां सीताकुंड दराबगंज, 8वां ढेमा वैश्य हनुमान मंदिर, 9वां जन्मेजय कुंड सिड़सिड़, 10वां अमानीगंज पोखरा, 11वां रुदौली मलकनिया, 12वां पटरंगा, 13वां बेलखरा बगिया टिकैतनगर, 14वां दुलार बाग विजयगंज परसपुर, 15वां तुलसी जन्मभूमि राजापुर परसपुर, 16वां वृंदावन, 17वां सेमरा उमरी बेगमगंज, 18वां बाराही देवी मंदिर, 19वां यमदग्नि आश्रम, 20वां नवाबगंज, 21वां रेहली, 22वां मखौड़ा तथा 23वां सरयू तट अयोध्या में होता है। उन्होंने बताया कि परिक्रमार्थी पुनः मखौड़ा बस्ती पहुंचते हैं जहाँ वृहद भंडारे के बाद समापन हो जाता है।

रिपोर्ट-जय प्रकाश सिंह 

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