लखनऊ। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के विरोध की आड़ में राजधानी को हिंसा की आग में झोंकने वालों के खिलाफ पुलिस की पड़ताल जारी है। हुसैनाबाद में हुई हिंसा में मोहम्मद वकील उपद्रवियों की गोली का शिकार हो गया था। इस प्रकरण में उन उपद्रवियों की पहचान शुरू हुई है, जिन्होंने पुलिस पर गोलियां चलाई थीं। पुलिस मोहम्मद वकील के कातिलों की भी तलाश कर रही है। छानबीन में सामने आया है कि उपद्रवियों ने अवैध असलहों से गोलियां चलाई थीं। पुलिस इस दिशा में पड़ताल कर रही है कि उपद्रवियों को असलहे कहां से मिले थे। पुलिस असलहा तस्करों के बारे में पड़ताल कर रही है।
पुलिस की एक टीम फुटेज में गोली चलाते नजर आ रहे हमलावरों की पहचान करने में जुटी है। परिवर्तन चौक, मदेयगंज और हुसैनाबाद में उपद्रवियों ने गोलियां चलाई थीं। मोहम्मद वकील के अलावा दो अन्य लोगों को भी गोली लगी थी, जिनका इलाज चल रहा है। सूत्रों का कहना है कि सुनियोजित ढ़ंग से रची गई हिंसा की साजिश में बाहरी लोगों को बुलाकर उन्हें असलहा मुहैया कराया गया था।
एएसपी पश्चिम विकास चंद्र त्रिपाठी के मुताबिक, अब तक जितने उपद्रवियों की पहचान की गई है, उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। विवेचना में उन सभी पहलुओं की पड़ताल की जा रही है। उपद्रवियों की फायरिंग में मोहम्मद वकील की मौत हो गई थी। पुलिस यह पता लगा रही है कि वकील पर गोली किन लोगों ने और क्यों चलाई थी? हिंसा में गोली चलाने वालों की शिनाख्त कर उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा।