किसान आंदोलन को लेकर एक नया विवाद खड़ा हो गया है. चेन्नई के एक सीबीएसई स्कूल के प्रश्न पत्र में गणतंत्र दिवस पर आयोजित ट्रैक्टर रैली में शामिल किसानों को उपद्रवियों और हिंसक उन्मादी बताया है. प्रश्न पत्र सामने आने के बाद यह मामला गरमा गया है. बीती 26 जनवरी को किसानों ने राजधानी दिल्ली में नए कृषि कानूनों के विरोध में ट्रैक्टर रैली आयोजित की थी. इस रैली के दौरान हिंसा भड़क गई थी.
क्या है मामला
एक वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, 11 फरवरी को 10वीं कक्षा का एग्जाम चल रहा था. इस दौरान छात्रों के लिए प्रश्न पत्र में किसान आंदोलन से जुड़ा एक सवाल आया. इस सवाल में प्रदर्शन में शामिल किसानों को उपद्रवी और हिंसक उन्मादी बताया गया है. छात्रों से लैटर टू एडिटर (संपादक के नाम पत्र) के सवाल पर जवाब देने के लिए कहा गया था. इस दौरान हिंसक उन्मादियों को रोकने के सुझाव भी मांगे गए थे.
दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर किसान नए कृषि कानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे. वे तीनों कानूनों को वापस लिए जाने की मांग कर रहे थे. इसी बीच किसान संगठनों ने 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड का ऐलान किया था. उस समय प्रदर्शन कर रहे किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी. बाद में हिंसा भड़क गई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल और घोड़ों पर बैठै किसानों ने शहर में ट्रैक्टर मार्च शुरू करने के करीब 2 घंटे पहले शहर में प्रवेश के लिए बैरिकेड तोड़े थे. इस दौरान राजधानी के कई इलाकों में जमकर तोडफ़ोड़ हुई थी. फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है. दर्शन पाल सिंह और योगेंद्र यादव समेत 37 किसान नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी. पुलिस लगातार मामले में गिरफ्तारियां कर रही है.