अरुणाचल प्रदेश के ईटानगर में रविवार को हुई जी-20 की बैठक में चीन ने भाग नहीं लिया। हालांकि, बैठक में अच्छी उपस्थिति देखी गई। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी प्रतिनिधि सहित 50 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने जी20 रिसर्च इनोवेशन इनिशिएटिव की बैठक में भाग लिया।
बैठक में शरीक होने आए प्रतिनिधियों ने बाद में अरुणाचल प्रदेश विधान सभा का भी दौरा किया। दरअसल, चीन अरुणाचल प्रदेश पर भारत की संप्रभुता को मान्यता नहीं देता है और दावा करता रहा है कि यह दक्षिण तिब्बत का हिस्सा है।
पिछले साल जी-20 की अध्यक्षता करने के फैसले के बाद से ही भारत कहता रहा है कि वह देश के सभी कोनों में बैठक की अगुवानी करेगा। संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दूत रुचिरा कंबोज ने हाल ही में कहा था कि सभी 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों में बैठकें होंगी।
TOI ने आधिकारिक सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत मई में जम्मू-कश्मीर में संस्कृति पर जी20 बैठक की मेजबानी करेगा। श्रीनगर में प्रस्तावित इस बैठक की मेजबानी करने से भारत को रोकने के लिए पाकिस्तान चीन, तुर्की और सऊदी अरब लॉबिंग कर रहे हैं।
हालांकि, अभी तक यह पता नहीं चल सका है कि चीन ने ईंटानगर में हुई इस बैठक के खिलाफ आधिकारिक रूप से नई दिल्ली के सामने कोई आपत्ति दर्ज कराई है या नहीं। बीजिंग अब तक भारत की जी20 अध्यक्षता का समर्थन करता रहा है। चीनी विदेश मंत्री किन गैंग ने इसी महीने की शुरुआत में विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भारत का दौरा किया था।