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विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का 19वाँ अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में हुआ मंथन

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में आयोजित ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 19वाँ अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’ में पधारे न्यायविदों, कानूनविदों व अन्य प्रख्यात हस्तियों ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए एक स्वर से कहा कि बच्चों के लिए सुरक्षित व सुखमय विश्व व्यवस्था बनाना ही हमारा मकसद है और इसी उद्देश्य हेतु हम यहाँ एकत्रित हुए हैं। इस ऐतिहासिक सम्मेलन में 19 देशों के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, गवर्नर-जनरल, पार्लियामेन्ट के स्पीकर, न्यायमंत्री, इण्टरनेशनल कोर्ट के न्यायाधीश एवं विश्व प्रसिद्ध शान्ति संगठनों के प्रमुखों समेत 71 देशों के 370 से अधिक मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश व कानूनविद प्रतिभाग कर रहे हैं।

न्यायविदों का कहना था कि विश्व के दो अरब बच्चों को सुरक्षित भविष्य का अधिकार दिलाना एक ऐसा मुद्दा है जो विश्व में एकता, शान्ति व सौहार्द की स्थापना से ही संभव है। अतः प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था विश्व समुदाय के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है। इस दिशा में सिटी मोन्टेसरी स्कूल द्वारा आयोजित यह अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन निश्चित ही एक महत्वपूर्ण प्रयास है, जो अवश्य फलीभूत होगा।

19वाँ अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन आॅडिटोरियम में…

विदित हो कि सिटी मोन्टेसरी स्कूल के तत्वावधान में 16 से 20 नवम्बर तक आयोजित ‘विश्व के मुख्य न्यायाधीशों का 19वाँ अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन’  सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में प्रारम्भ हो गया। आज सुबह लखनऊ पधारे विभिन्न देशों की प्रख्यात हस्तियों, न्यायविदों व कानूनविदों का सी.एम.एस.छात्रों व शिक्षकों ने चौधरी चरण सिंह एअरपोर्ट पर भव्य स्वागत किया तथापि पुष्प वर्षा के साथ ही बैंड बाजों की धुन ने स्वागत समारोह में चार-चाँद लगा दिये।

प्रेस कान्फ्रेन्स में पत्रकारों से बातचीत करते विभिन्न देशों के राष्ट्रप्रमुखों व न्यायविदों ने विश्व के ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य हेतु सी.एम.एस. की पहल की भरपूर सराहना करते हुए कहा कि इस अन्र्तष्ट्रीय सम्मेलन के माध्यम से सीएमएस विश्व के बच्चों के लिए एक नया भविष्य निर्मित कर रहा है, साथ ही साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी नये आयाम स्थापित कर रहा है। न्यायविदों का कहना था कि आज की सबसे बड़ी आवश्यकता है दुनिया के देशों में एकता की। हम केवल अपने बारे में न सोचें बल्कि अपने पड़ोसी के बारे में भी सोचें। अब समय आ गया है कि सारा संसार एक अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था में बँध जाये तभी विश्वव्यापी समस्याओं का समाधान प्राप्त किया जा सकता है।

सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाली प्रख्यात हस्तियों में

इस ऐतिहासिक सम्मेलन में प्रतिभाग करने वाली प्रख्यात हस्तियों में कगामे मोटलैन्थे, पूर्व राष्ट्रपति, दक्षिण अफ्रीका; स्टीपन मेसिक, पूर्व राष्ट्रपति, क्रोएशिया; अमीनाह गुरीब-फाकिम, पूर्व राष्ट्रपति, माॅरीशस; एन्थोनी थाॅमस अकीनास कारमोना, राष्ट्रपति, त्रिनिदाद एण्ड टोबैको; इकोबा टी. इटालेली, गवर्नर-जनरल, तुवालू; डा. पकालिथा बी. मोसिलिली, प्रधानमंत्री, लेसोथो; प्रो. ऐरोन मिशैल ओकाये, संसद सभापति, घाना; शान्तीबाई हनूमानजी, संसद सभापति, माॅरीशस; डेनियल जेलाॅस नदाबिरबे, चेयरमैन, नेशनल असेम्बली, बुरूण्डी; मोहम्मद अवज्जार, न्यायमंत्री, मोरक्को; हारून अली सुलेमान, न्यायमंत्री, तंजानिया; कू खेमलिन, डेप्यूटी डायरेक्टर-जनरल आॅफ ज्यूडिशियल डेवलपमेन्ट, न्याय मंत्रालय, कम्बोडिया, डा. माॅम लुआंग राजदर्शी जयंकुरा, थाईलैण्ड की राजकुमारी; हेलना एन केनेडी, संसद सदस्या, ग्रेट ब्रिटेन; डा. आगस्टो लोपेज क्लारोस, अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्री, अमेरिका; मैन ही ली, चेयरमैन, एचडब्ल्यूपीएल, साउथ कोरिया; डा. हांग टो टेज, प्रेसीडेन्ट, फेडरेशन आॅफ वल्र्ड पीस एण्ड लव, ताईवान; प्रो. हो चेंग हांग, प्रेसीडेन्ट, नेशनल सिंग हुआ यूनिवर्सिटी, ताईवान; न्यायमूर्ति एन्टोनियो केसी-एमबी मिन्डुआ, न्यायाधीश, इण्टरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट, नीदरलैण्ड आदि प्रमुख हैं।

370 से अधिक मुख्य न्यायाधीश…

इसके अलावा, इस अन्तर्राष्ट्रीय सम्मेलन में 71 देशों के लगभग 370 से अधिक मुख्य न्यायाधीश, न्यायाधीश, कानूनविद एवं शान्ति संगठनों के प्रतिनिधि प्रतिभाग कर रहे हैं। देश-विदेश से पधारे सभी न्यायविदों, कानूनविदों व अन्य प्रख्यात हस्तियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त करते हुए सी.एम.एस. संस्थापक व अन्तर्राष्ट्रीय मुख्य न्यायाधीश सम्मेलन के संयोजक डा. जगदीश गाँधी ने कहा कि पूरे विश्व से पधारे न्यायमूर्तियों ने आज यह अहसास करा दिया है कि मानवता को विनाश से बचाने के लिए ‘विश्व एकता व विश्व शान्ति’ के अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प शेष नहीं है।

उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि सी.एम. एस. के 57,000 छात्रों की अपील पर विभिन्न देशों के प्रधानमंत्रियों, राष्ट्रपतियों एवं न्यायविदों व कानूनविदों का पधारना न सिर्फ सी.एम.एस. के लिए अपितु लखनऊवासियों के लिए गर्व का विषय है, साथ ही इस बात का प्रमाण है कि ‘प्रभावशाली अन्तर्राष्ट्रीय कानून व्यवस्था’ में अब ज्यादा देर नहीं है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिया रात्रिभोज

सी.एम.एस. के मुख्य जन-सम्पर्क अधिकारी हरि ओम शर्मा ने बताया कि विभिन्न देशों से पधारे अतिथियों को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज मुख्यमंत्री आवास, 5 कालीदास मार्ग पर रात्रिभोज दिया। मुख्यमंत्री की सद्भावना को सभी आमन्त्रित अतिथियों ने सराहा तथापि सी.एम.एस. संस्थापक व प्रख्यात शिक्षाविद् डा. जगदीश गाँधी ने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। इससे पहले, ये सभी सम्मानित अतिथियों ने नवनिर्मित हाईकोर्ट परिसर का अवलोकन किया।

श्री शर्मा ने बताया कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन का विधिवत् उद्घाटन आज 17 नवम्बर, शनिवार को प्रातः 9.00 बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में आयोजित किया जायेगा। मुख्यमंत्री माननीय योगी आदित्यनाथ जी इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे जबकि समारोह की अध्यक्षता प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष माननीय हृदय नारायण दीक्षित करेंगे। इससे पहले, विभिन्न देशों से पधारी प्रख्यात हस्तियाँ, न्यायविद् व कानूनविद् सी.एम.एस. छात्रों व शिक्षकों के ‘विश्व एकता मार्च’ में शामिल होकर द्वारा विश्व के ढाई अरब बच्चों के सुरक्षित भविष्य का अलख जगायेंगे। यह विशाल मार्च 17 नवम्बर को प्रातः 8.00 बजे पुरानी चुंगी से सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम तक निकाला जायेगा।

समारोह की अध्यक्षता लखनऊ की मेयर द्वारा

श्री शर्मा ने आगे बताया कि देश-विदेश से पधारी प्रख्यात हस्तियों के सम्मान में ‘स्वागत समारोह’ का आयोजन 17 नवम्बर को सायं 5.30बजे सी.एम.एस. कानपुर रोड आॅडिटोरियम में किया जा रहा है। भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री, श्री जे. पी. नड्डा इस अवसर पर मुख्य अतिथि होंगे जबकि समारोह की अध्यक्षता लखनऊ की मेयर संयुक्ता भाटिया करेंगी।

इस अवसर पर भाटिया साउथ सूडान के सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश माननीय न्यायमूर्ति चैन रीक मादुत को ‘लखनऊ शहर की चाबी’ भेंटकर सम्मानित करेंगी। इसके अलावा, थाईलैण्ड की राजकुमारी डा. माॅम लुआंग राजदर्शी जयंकुरा को ‘होप आॅफ ह्यूमैनिटी अवार्ड’, ग्रेट ब्रिटेन की संसद सदस्या सुश्री हेलना एन केनेडी को ‘लार्ड बुद्धा अवार्ड’ एवं फेडरेशन आॅफ वल्र्ड पीस एण्ड लव, ताईवान के प्रेसीडेन्ट डा. हांग टो टेज को ‘महात्मा गाँधी अवार्ड फॅार प्रमोटिंग वल्र्ड पीस’ प्रदान कर सम्मानित किया जायेगा।

ऐतिहासिक सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों में

श्री शर्मा ने बताया कि इस ऐतिहासिक सम्मेलन में भाग लेने वाले देशों में अफगानिस्तान, अर्जेन्टीना, बांग्लादेश, बेनिन, भूटान, बोलिविया, बोस्निया एण्ड हर्जेगोविना, बोत्सवाना, ब्राजील, बुर्कीना फासो, बुरूण्डी, कम्बोडिया, कैमरून, कोमोरोस, कोस्टारिका, क्रोएशिया, इक्वाडोर, इजिप्ट, इरीटिया, घाना, ग्वाटेमाला, गुयाना, इजराइल, जमैका, जापान, किर्गिज रिपब्लिक, लेबनान, लेसोथो, लीबिया, मेडागास्कर, मलावी, माली, माॅरीशस, मंगोलिया, मोरक्को, मोजाम्बिक, म्यांमार, नेपाल, नीदरलैण्ड, निकारागुआ, नाईजर, पराग्वे, पेरू, फिलीपीन्स, सेनेगल, सेशल्स, सिंगापुर, सोमालिया, साउथ अफ्रीका, साउथ कोरिया, साउथ सूडान, सूडान, सूरीनाम, स्वाजीलैण्ड, स्विटजरलैंड, ताईवान, तंजानिया, थाईलैण्ड, त्रिनिदाद एण्ड टोबैको, टोगो, ट्यूनीशिया, टर्की, तवालू, युगाण्डा, इंग्लैण्ड, अमेरिका, वेनेजुएला, यमन, जाम्बिया, जिम्बाब्वे एवं भारत प्रमुख हैं।

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