मणिपुर के उखरूल में बुधवार को स्वच्छता अभियान के दौरान दो गुट आपस में भिड़ गए। अस दौरान दोनों गुटें के बीच गोलीबारी हुई, जिसके बाद वहां निषेधाज्ञा लागू कर दी गई। दोनों गुट नागा समुदाय से थे, लेकिन अलग-अलग गांव से थे। गोलीबारी में कुछ लोग घायल भी हुए हैं। स्थिति को नियंत्रित करने के लिए असम राइफल्स को तैनात किया गया है।
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प्रतिबंध को लेकर उखरुल उप-मंडल मजिस्ट्रेट डी. कामेई ने पुलिस अधीक्षक के पत्र का हवाला दिया। पत्र में थवाईजाओ हुंगपुंग युवा छात्र संगठन (टीएचवाईएसओ) के सामाजिक कार्य में अनहोनी की आशंका जताई गई थी। इसके अलावा इसमें हुनफुन ग्राम प्राधिकरण की ओर से हुनफुन क्षेत्र में इसे लेकर आपत्ति जताए जाने की बात भी कही गई थी।
आदेश के अनुसार, हुनफुन और हंगपुंग गांवों के बीच भूमि विवाद के संबंध में कानून-व्यवस्था की समस्या पैदा होने की संभावना है। इससे दोनों गांवों के बीच शांति भंग हो सकती है। ऐसी घटनाओं से मानव जीवन और संपत्तियों को खतरा हो सकता है।
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इसलिए भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 163 के तहत कानून-व्यवस्था को नुकसान पहुंचाने वाले व्यक्ति की उनके संबंधित आवासों के बाहर आवाजाही और किसी भी अन्य गतिविधि पर रोक लगाने का आदेश जारी किया जाता है। निषेधाज्ञा दो अक्तूबर को सुबह साढ़े नौ बजे से अगले आदेश तक जारी रहेगा।
मणिपुर में बंद के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित
मणिपुर के पांच इंफाल घाटी जिलों में दो युवकों के अपहरण को लेकर मेइतेई समूह संयुक्त कार्रवाई समिति (जेएसी) द्वारा बुलाए गए बंद के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। इस दौरान दुकानें और अन्यवाणिज्यिक प्रतिष्ठान बंद थे। पूर्वी-पश्चिमी इंफाल, थौबल और बिष्णुपुर और काकचिन में प्रदर्शनकारियों ने सड़कों को अवरुद्ध कर दिया। थौबल में मंगलवार से बंद था, महिलाओं ने राष्ट्रीय राजमार्ग 12 को अवरुद्ध कर दिया था। पूर्वी इंफाल जिले के खुरांग और लामलोंग में बंद को सख्ती से लागू किया गया था।