लखनऊ (दया शंकर चौधरी)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह (Union Minister of State for Science and Technology Dr Jitendra Singh) ने गोमती नगर विस्तार (Gomti Nagar Extension) स्थित सेक्टर-7 में नवनिर्मित केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (Newly Constructed Complex of Central Administrative Tribunal) के लखनऊ पीठ के न्यायालय सह कार्यालय परिसर का उद्घाटन (Inaugurated) किया।
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उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 1985 से लेकर 2015 तक कैट में लंबित मामलों की कुल संख्या लगभग 9 लाख थी, जिसमें से तीन लाख मामलों का निस्तारण केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद पिछले 10 वर्षों में हुआ है जो कि कुल लंबित मामलों का लगभग 35% है।
डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनने के बाद केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (जबलपुर पीठ) को 2021 में नई इमारत मिली , केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण की (मुंबई पीठ) के इमारत का पुनः निर्माण 2023 में हुआ, केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (गुवाहाटी पीठ ) को 2025 में और केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (लखनऊ पीठ) को 2025 में अपना स्वयं का भवन प्राप्त हुआ।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कोविड के बावजूद भी जम्मू को 2020 में केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण की स्थाई बेंच मिली तथा 2021 में श्रीनगर को , 2023 में पुडुचेरी को एवं 2024 में लेह और कारगिल में केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण की सर्किट बेंच बनी। उन्होंने कहा कि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण को इस तरह से कार्य करना चाहिए कि उसके निर्णयों के बाद संबंधित पक्षों को न्याय के लिए उच्च न्यायालय में अपील करने की जरूरत न पड़े, क्योंकि कैट का निर्माण ही इस उद्देश्य से किया गया था कि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकारियो एवं कर्मचारियों से संबंधित मामलों का निस्तारण निचले स्तर पर ही किया जा सके।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT) का गठन संसद के कानून के तहत वर्ष 1985 में हुआ। उन्होंने कहा कि कैट के गठन के पीछे उद्देश्य था कि सरकारी कार्मिकों को समयबद्ध तरीके से त्वरित न्याय मिले और उन्हें ज्यादा परेशान न हों पड़े। जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार की मदद से ही केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण के लखनऊ पीठ के नए परिसर का निर्माण संभव हो सका है। इसके लिए उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार के प्रति आभार व्यक्त किया।
नए कार्यालय परिसर में ई-कोर्ट, दिव्यांग अनुकूल सुविधाएं जैसे रैम्प, लिफ्ट, सुलभ शौचालय आदि, साथ ही हरित भवन सुविधाएं जैसे रूफ टॉप सोलर पावर, ऊर्जा कुशल लाइटें, अग्निशमन प्रणाली, सीसीटीवी आदि की व्यवस्था की गई है, ताकि सभी हितधारकों की आवश्यकताओं की बेहतर ढंग से पूर्ति की जा सके।